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Chandrayaan-3 की सफलता से मानव को अंतरिक्ष में भेजने के ISRO के कार्यक्रम को मिला प्रोत्साहन

गगनयान अभियान के तहत तीन व्यक्तियों को तीन दिन के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में ले जाया जाएगा और फिर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।

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भाषा   
Last Updated- July 15, 2023 | 4:16 PM IST

भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan) का LVM-M4 रॉकेट से ऐतिहासिक प्रक्षेपण ने मानव को अंतरिक्ष में ले जाने के देश के प्रथम कार्यक्रम को काफी बल प्रदान किया है क्योंकि इसी प्रक्षेपण यान का उपयोग महत्वाकांक्षी गगनयान अभियान के लिए किया जाएगा।

गगनयान मिशन में जोरशोर से जुटा ISRO

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना गगनयान (Gaganyaan) के सफल प्रक्षेपण के लिए जोरशोर से जुटा हुआ है। इस अभियान के तहत तीन व्यक्तियों को तीन दिन के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में ले जाया जाएगा और फिर उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार, 14 जुलाई को चंद्रयान-3 को साथ लेकर अंतरिक्ष में जाने वाले 44.3 मीटर लंबे LVM-3 रॉकेट ‘मानव को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष तक ले जाने’ की क्षमता रखने वाला प्रक्षेपण यान होगा।

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ISRO ने बताया कि गगनयान कार्यक्रम के लिए LVM-3 रॉकेट में, मानव को सुरक्षित रूप से अंतरिक्ष में ले जाने की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलाव किया जाएगा और इसका नाम बदलकर ‘ह्यूमैन रेटेड LVM3’ किया गया है।

गगनयान का पहला परीक्षण अगस्त के अंत तक होगा

अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को LVM-3 रॉकेट ने शानदार उड़ान भरी जो प्रक्षेपण यान की विश्वसनीयता का संकेत है। LVM-3 रॉकेट तीन मॉड्यूल का समन्वय है, जिसमें प्रणोदन, लैंडर और रोवर शामिल हैं। ISRO अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि गगनयान के लिए पहला परीक्षण अगस्त के अंत तक किया जाएगा। अगले साल के अंत तक एक मानवरहित मिशन अंतरिक्ष में भेजने की ISRO की योजना है।

First Published : July 15, 2023 | 4:16 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)