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NPS, FD, PPF या Mutual Fund: कौन सा निवेश आपके लिए सही है? जानिए एक्सपर्ट से

सही निवेश विकल्प चुनना आपके उद्देश्य और जोखिम क्षमता पर निर्भर करता है, ताकि रिटायरमेंट और फाइनेंशियल लक्ष्य दोनों सुरक्षित और फायदेमंद रहें।

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मानसी वार्ष्णेय   
Last Updated- November 12, 2025 | 11:28 AM IST

NPS, FD, PPF या Mutual Fund: बात जब रिटायरमेंट प्लान या फिर निवेश की आती है, तो मार्केट में निवेश के कई ऑप्शन हैं। लेकिन सही फाइनेंशियल स्ट्रैटजी और सही प्लान चुनकर आप अपने रिटायरमेंट के लिए मोटा फंड बना सकते हैं। रिटायरमेंट प्लान या फिर निवेश के लिए तो पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), नेशनल पेंशन स्कीम (NPS), FD और म्यूचुअल फंड अच्छे ऑप्शन हैं। अक्सर लोग इनमें कंफ्यूज हो जाते हैं और तय नहीं कर पाते कि उनके लिए कौन सी स्कीम सही है। आइए, एक्सपर्ट्स समझते हैं कि सेफ रिटायरमेंट या फिर निवेश के लिए इन विकल्पों में कौन सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।

NPS और PPF- लंबी अवधि और सुरक्षित निवेश

Scripbox के मैनेजिंग पार्टनर श्री सचिन जैन के अनुसार, NPS और PPF मुख्य रूप से रिटायरमेंट के लिए बनाए गए निवेश हैं। ये सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देने वाले विकल्प हैं और टैक्स बचत में भी मददगार हैं।

विशेषज्ञ सुनील पंत ने भी इस पर जोर देते हुए बताया:

  • NPS – पेंशन प्लान है, जो PFRDA (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) द्वारा समर्थित है।

  • PPF – यह सरकार द्वारा समर्थित योजना है, जिसमें अच्छे रिटर्न और टैक्स बचत का फायदा मिलता है।

Fixed Deposit (FD)- सुरक्षित और फिक्स्ड रिटर्न

FD छोटे समय के निवेश और तत्काल जरूरतों के लिए सही है। यह सुरक्षित माना जाता है और पूंजी की सुरक्षा के साथ आसान निकासी की सुविधा देता है। एक्सपर्ट पंत के अनुसार, FDs फिक्स्ड रिटर्न देते हैं और बैंक में सुरक्षित रहते हैं, खासकर अगर बैंक DICGC कवर के तहत है।

जोखिम और बेहतर रिटर्न – Mutual Funds

सचिन जैन के अनुसार, म्यूचुअल फंड्स निवेशकों को बहुत ही व्यापक विकल्प देते हैं। ये निवेशकों को 100% फिक्स्ड इनकम से लेकर 100% इक्विटी और इनके बीच के सभी विकल्पों में निवेश करने की सुविधा देते हैं, जो उनके लक्ष्य और जोखिम उठाने की क्षमता पर निर्भर करता है।

फिक्स्ड-इनकम कैटेगरी में भी, म्यूचुअल फंड्स निवेशकों को यह सुविधा देते हैं कि वे अलग-अलग इश्यूअर्स, मैच्योरिटी और इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करके जोखिम फैलाएं। इसके अलावा, इन फंड्स में बेहतर लिक्विडिटी होती है और कुछ खास मामलों में, जैसे इनकम आर्बिट्रेज़ या आर्बिट्रेज़ फंड्स के जरिए, टैक्स के बाद रिटर्न भी अधिक मिल सकता है।

वहीं, पंत के अनुसार, म्यूचुअल फंड जोखिम फैलाने का तरीका हैं, जिससे चुने हुए एसेट्स में निवेश करके बेहतर रिटर्न की उम्मीद होती है। ये रेगुलेटेड संस्था द्वारा मैनेज किए जाते हैं।

क्या है बेहतर?

सचिन जैन कहते हैं कि सही निवेश का चुनाव आपके उद्देश्य पर निर्भर करता है। अगर लक्ष्य छोटा समय की सुरक्षा है, तो FD; लंबी अवधि का रिटायरमेंट प्लान है, तो NPS या PPF; और अगर जोखिम लेकर ज्यादा रिटर्न चाहिए, तो Mutual Funds सही विकल्प हैं।

सबसे जरूरी है कि निवेश करने से पहले अपने लक्ष्य और जरूरत को स्पष्ट करें। सही योजना चुनकर आप अपने पैसों का बेहतर उपयोग कर सकते हैं।

First Published : November 12, 2025 | 11:28 AM IST