शेयर बाजार

ग्लोबल एआई और सेमीकंडक्टर शेयरों में बुलबुले का खतरा, निवेशकों की नजर अब भारत पर

विश्लेषक सेमीकंडक्टर और एआई शेयरों में तेजी को लेकर सतर्क हो रहे हैं और यह चेतावनी दे रहे हैं कि बढ़े हुए मूल्यांकन एक बुलबुले का संकेत हो सकते हैं

Published by
साई अरविंद   
पुनीत वाधवा   
Last Updated- November 12, 2025 | 10:17 PM IST

विश्लेषकों का कहना है कि जिन फंडों ने कभी उभरते और विकसित बाजारों में वैश्विक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और सेमीकंडक्टर से संबंधित शेयरों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया था वे अब भारत की ओर लौटना चाहेंगे। विश्लेषक सेमीकंडक्टर और एआई शेयरों में तेजी को लेकर सतर्क हो रहे हैं और यह चेतावनी दे रहे हैं कि बढ़े हुए मूल्यांकन एक बुलबुले का संकेत हो सकते हैं। ब्लूमबर्ग के अनुसार, फिलाडेल्फिया सेमीकंडक्टर इंडेक्स का मूल्य 53.5 गुना पी/ई पर है, जो 10 साल के औसत 28.4 गुना से अधिक है।

इस साल अब तक सेमीकंडक्टर से जुड़े शेयरों के लिए पैमाना फिलाडेल्फिया सेमीकंडक्टर इंडेक्स में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि मैग्निफिसेंट 7 इंडेक्स और नैस्डैक 100 में क्रमशः 24 प्रतिशत और 22 प्रतिशत तेजी आई है। इसी अवधि के दौरान, एसऐंडपी 500 इंडेक्स में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि अपने देश में निफ्टी50 में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

प्रमुख नामों में, दक्षिण कोरिया में सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी में 95 प्रतिशत और ताइवान में ताइवान सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में इस साल 37 प्रतिशत की तेजी आई है। वॉल स्ट्रीट पर, एनवीडिया कॉर्प में 40 प्रतिशत और एडवांस्ड माइक्रो डिवाइसेज इंक में 97 प्रतिशत की तेजी आई है।

हालांकि, अपने ऊंचे स्तर से फिलाडेल्फिया सेमीकंडक्टर इंडेक्स और मैग्निफिसेंट 7 इंडेक्स में लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट आई है। जेफरीज में इक्विटी रणनीति के वैश्विक प्रमुख क्रिस्टोफर वुड के अनुसार एआई कैपेक्स ‘पिक्स एंड शोवेल्स’ ट्रेड में अब तक आसानी से पैसा कमाया जा चुका है। वुड ने कहा कि अब तक, एआई में सबसे ज्यादा पैसा एनवीडिया, हाइनिक्स और माइक्रोन जैसी कंपनियों ने कमाया है।

वुड ने निवेशकों को भेजे अपने साप्ताहिक नोट ग्रीड ऐंड फियर में लिखा है, ‘एआई बुलबुले की बढ़ती चर्चा इस बात का संकेत है कि शेयर बाजार के संदर्भ में शिखर अभी तक नहीं आया है।’

क्या भारत एक अच्छा एआई हेज है

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने हाल में एक रिपोर्ट में कहा कि हालिया गिरावट इन बढ़ती चिंताओं के बीच आई है कि बाजार बुनियादी सिद्धांतों से बहुत आगे निकल गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस असमानता ने निवेशकों को मूल्यांकन का पुन: आकलन करने के लिए प्रेरित किया है, खासकर जब बढ़ती ब्याज दरें और ऊंची पूंजी लागत भविष्य के मुनाफे को कम आकर्षक बनाती हैं।’

ब्रोकरेज ने इस वैश्विक एआई गिरावट में भारत को ‘अपेक्षाकृत सुरक्षित आश्रय’ के रूप में माना है।

First Published : November 12, 2025 | 10:11 PM IST