अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका और भारत ‘वाजिब व्यापार समझौते’ पर पहुंचने के काफी करीब हैं। इधर, एक भारतीय अधिकारी ने भी ऐसी ही उम्मीद जताते हुए संकेत दिया कि बातचीत के एक और दौर की शायद जरूरत नहीं होगी। उक्त अधिकारी ने कहा कि व्यापार वार्ता सकारात्मक रही है और इस पर अच्छी प्रगति हुई है। दोनों देश एक व्यापक समझौते पर बातचीत कर रहे हैं जो विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों के अनुरूप है।
अधिकारी ने कहा, ‘हम अब अमेरिका के जवाब का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें हमसे संपर्क करना होगा। भारत के साथ बातचीत किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे व्यापक और विश्व व्यापार संगठन के सबसे ज्यादा अनुरूप रही है।’ उन्होंने कहा कि भारत ने बातचीत के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों को ध्यान में रखा है।
अब तक दोनों देशों के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है और आमने-सामने की आखिरी बातचीत पिछले महीने वाशिंगटन में संपन्न हुई थी। इस दौर की समाप्ति के बाद एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा था कि भारत और अमेरिका व्यापार समझौते के बेहद करीब हैं तथा ज्यादातर मुद्दों पर दोनों पक्षों में सहमति है। दोनों पक्षों ने प्रस्तावित समझौते की कानूनी भाषा पर भी काम करना शुरू कर दिया है।
इस बीच वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित व्यापार समझौता चाहता है और वह किसानों, मछुआरों और डेरी क्षेत्र के हितों से समझौता नहीं करेगा।
गोयल ने राज्यों के उद्योग और वाणिज्य मंत्रियों के सम्मेलन उद्योग समागम 2025 में कहा, ‘हम भारत के हित में एक अच्छे व्यापार समझौते के लिए काम कर रहे हैं। साथ ही भारत अपने किसानों, मछुआरों, श्रमिकों, मजदूरों और डेरी के हितों से समझौता नहीं करने जा रहा है… हम एक निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं।’
अगस्त में अमेरिकी प्रशासन द्वारा कई भारतीय वस्तुओं पर 50 फीसदी का भारी शुल्क लगाए जाने के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में खटास आ गई थी। इसमें भारत द्वारा रूस से तेल खरीद पर 25 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क भी शामिल था।
संक्षिप्त अंतराल के बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत फिर से शुरू होने पर भारत ने अतिरिक्त शुल्कों में पर्याप्त कमी के लिए अमेरिका से कड़ा मोलभाव किया। इसमें भारत ने न केवल 25 फीसदी दंडात्मक शुल्क हटाने की मांग की बल्कि जवाबी शुल्क में भी कटौती की मांग की। भारत का कहना था कि जवाबी शुल्क 15 फीसदी या उससे कम हो। दोनों देशों ने इस बात पर भी गहन चर्चा की है कि भारत द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद पर अमेरिका की चिंताओं को कैसे दूर किया जाए।
ट्रंप ने अमेरिकी समयानुसार सोमवार को ओवल ऑफिस में एक समारोह के दौरान कहा,’ हम भारत के साथ एक समझौता कर रहे हैं, यह पहले की तुलना में बहुत अलग है। अभी वे मुझे पसंद नहीं करते लेकिन वे हमें फिर से पसंद करेंगे।’ इस समारोह में सर्जियो गोर ने भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में शपथ ली।
ट्रंप ने कहा कि भारत पर लगाए गए शुल्क को कम करने पर भी अमेरिका विचार कर रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि भारत पर लगाए गए उच्च शुल्क का कारण रूसी तेल का आयात है।
ट्रंप ने कहा, ‘अभी रूसी तेल आयात की वजह से भारत पर शुल्क बहुत ज्यादा है। हालांकि भारत ने रूसी तेल का व्यापार बंद कर दिया है। इसमें काफी कमी की गई है। ऐसे में हम शुल्क कम करने जा रहे हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी प्रशासन शुल्क घटाने की योजना बना रहा है। अगर यह सौदा इसी महीने पूरा हो जाता है तो यह इस साल की शुरुआत में तय की गई समयसीमा के अनुरूप होगा। फरवरी में ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण की आधिकारिक समयसीमा 2025 (अक्टूबर/नवंबर) तय की थी।