बिजली क्षेत्र में खासी लाइन हानियों और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साफ निर्देशों के बाद भी उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया सुस्त चल रही है। प्रदेश में केंद्र सरकार की योजना रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत 2.6 करोड़ से अधिक स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के घरों पर लगने है जबकि अभी तक की प्रगति निराशाजनक रही है।
हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली क्षेत्र की समीक्षा करते हुए स्मार्ट मीटर लगाए जाने के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। हालांकि इसके बाद भी प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही विद्युत वितरण कंपनियों ने तेजी नहीं पकड़ी है और देश भर में स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में उत्तर प्रदेश का रिकॉर्ड सबसे फिसड्डी चल रहा है।
प्रदेश के विभिन्न डिस्कॉम में स्मार्ट मीटर लगाने का काम लंबे इंतजार के बाद जुलाई में शुरू हो सका है और अब तक इसमें तेजी नहीं आ सकी है। प्रदेश में एक साल से भी अधिक समय पहले स्मार्ट मीटर लगाने के लिए कंपनियों को काम सौंपा गया था पर जरूरी प्रक्रियाओं के पूरा करने में समय लगाते हुए ज्यादातर डिस्कॉम में काम देरी से शुरू हो सका है।
नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन (एनएसजीएम) से राज्य वार स्मार्ट मीटर लगाने के मिले आंकड़े खराब तस्वीर पेश करते हैं। जहां देश भर में आरडीएसएस के तहत तय लक्ष्य के सापेक्ष महज पांच फीसदी स्मार्ट मीटर लग सके हैं वहीं उत्तर प्रदेश का रिकॉर्ड और भी खराब है। उत्तर प्रदेश को आरडीएसएस के तहत देश भर में सबसे ज्यादा 2,69,79,055 स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के घरों पर लगाने थे जबकि अभी तक केवल 41,485 ही लग सके हैं जोकि लक्ष्य का एक फीसदी भी नहीं है।
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प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र के सुधारों पर अध्ययन कर रहे अर्थशास्त्री डॉ अजय प्रकाश का कहना है कि बिजली चोरी रोकने, लाइन हानियां कम करने और राजस्व में सुधार के लिए स्मार्ट मीटर का सभी उपभोक्ताओं के घरों पर लगना जरूरी है। उनका कहना है कि वित्तीय संकट के जूझ रहे उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को इस ओर जोर देते हुए स्मार्ट मीटर लगाने के काम में तेजी लानी होगी। डॉ अजय का कहना है कि डिस्कॉम की सुस्त रफ्तार से स्मार्ट मीटर कार्यक्रम पहले ही काफी पिछड़ चुका है और अब मुख्यमंत्री के निर्देशों के बावजूद इसमें तेजी नहीं लाई जा रही है।
गौरतलब योगी सरकार दावा कर रही है कि आरडीएसएस के चलते जल्द ही पूरे प्रदेश को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति संभव हो सकेगी और राजस्व बढ़ेगा। उन्होंने और ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने जल्द से जल्द स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश दिए हैं।