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भारतीय डाक को लॉजिस्टिक कंपनी में बदलने की योजना, ‘सिर्फ मेल और पत्र’ कारोबार से करना होगा अलग: सिंधिया

पूर्वोत्तर में विकास के बारे में दूरसंचार मंत्री ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के निर्माण पर बड़ी राशि खर्च कर रही है।

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भाषा   
Last Updated- September 18, 2024 | 7:50 PM IST

सरकार भारतीय डाक को एक लॉजिस्टिक कंपनी में बदलने और अगले तीन-चार साल में विभाग के राजस्व में 50-60 प्रतिशत बढ़ोतरी करने की योजना बना रही है।

दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को यहां ‘पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया’ (PAFI) के एक कार्यक्रम में कहा कि देश के लगभग 25,000 ऐसे गांवों को अगले साल तक मोबाइल नेटवर्क से जोड़ दिया जाएगा जहां अभी मोबाइल नेटवर्क नहीं है।

सिंधिया ने कहा, “डाक विभाग तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज हमारा कारोबार करीब 12,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है। मैं अगले तीन-चार वर्षों में इसे 50-60 प्रतिशत तक बढ़ाने की कोशिश कर रहा हूं।”

उन्होंने कहा कि डाक विभाग में ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों के दरवाजे तक सेवाएं पहुंचाने की क्षमता है। ऐसे में भारतीय डाक के राजस्व को बढ़ाने के लिए सभी संभावित सेवाओं पर विचार किया जाएगा।

सिंधिया ने कहा, “हमें खुद को ‘सिर्फ मेल और पत्र’ कारोबार से अलग करना होगा। हमें खुद को एक लॉजिस्टिक कंपनी में बदलना होगा। हमें मार्ग के अधिकतम उपयोग, अपनी सेवाओं को पहुंचाने के लिए कई स्रोतों पर ध्यान देना होगा।”

पूर्वोत्तर में विकास के बारे में दूरसंचार मंत्री ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के निर्माण पर बड़ी राशि खर्च कर रही है। इसमें सड़क नेटवर्क पर 48,000 करोड़ रुपये का निवेश भी शामिल है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के 6,000 गांवों और देश भर के 25,000 गांवों में अभी भी मोबाइल टावर नहीं हैं।

सिंधिया ने कहा, “यूएसओ कोष के माध्यम से हम अगले वर्ष के मध्य तक सभी 25,000 गांवों में मोबाइल नेटवर्क स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं… उसके बाद देश में एक भी गांव ऐसा नहीं बचेगा जहां मोबाइल कनेक्टिविटी न हो।”

First Published : September 18, 2024 | 7:50 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)