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बिहार चुनाव में वोटों की बाढ़! SIR विवाद के बीच रिकॉर्ड 66.9% मतदान से सभी चौंके

60 लाख से अधिक नाम कटने की आशंका के बावजूद 1951 के बाद सबसे ज्यादा वोटिंग; महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से आगे

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जयंत पंकज   
Last Updated- November 13, 2025 | 9:43 AM IST

विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया और इससे 60 लाख से अधिक लोगों को मतदाता सूचियों से हटा देने जैसे विवादास्पद मामले की छाया में बिहार में विधान सभा चुनाव संपन्न हुआ। बड़ी संख्या में वोट काटे जाने के कारण आशंका व्यक्त की जा रही थी कि मतदाता वोट डालने आएंगे भी या नहीं, लेकिन दोनों चरणों में वोट डालने वालों के रुझान ने सभी को चौंका दिया। राज्य में 7.4 करोड़ मतदाताओं में से रिकॉर्ड 66.9 प्रतिशत ने नई सरकार के लिए अपने मत का प्रयोग किया। यह 1951 के ऐतिहासिक चुनाव के बाद सबसे अधिक मतदान रहा, जिसमें 2020 के विधान सभा चुनाव की तुलना में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई।

बिहार के 243 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान के रुझान वर्षों से बदलते रहे हैं। वर्ष 2010 में 86 प्रतिशत निर्वाचन क्षेत्रों में सकारात्मक मतदान हुआ था। यह 2015 में बढ़कर 95 प्रतिशत हो गया, लेकिन 2020 में तेजी से गिरकर 58 प्रतिशत रह गया। हालांकि, 2025 में इसमें पुन: सुधार देखने को मिला और सभी निर्वाचन क्षेत्रों में सकारात्मक वोटों में बढ़ोतरी हुई। वर्ष 2020 के चुनाव की तुलना में इस बार के चुनाव में सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान में 3 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई।

कुछ क्षेत्रों में तो मतदाताओं की और भी अधिक भागीदारी दर्ज की गई। कस्बा में 2010 में 67.3 प्रतिशत सकारात्मक मतदान हुआ था, लेकिन 2020 में यह थोड़ा घट कर 66.4 प्रतिशत रहा लेकिन 2025 में पुन: बढ़कर 81.7 प्रतिशत हो गया। बरारी में 2010 में 66 प्रतिशत मतदान हुआ था जो 2020 में बढ़कर 67.2 प्रतिशत और 2025 में 81.6 प्रतिशत तक पहुंच गया।

इसी तरह ठाकुरगंज में 2010 में 65.4 प्रतिशत और 2020 में 66.1 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 81.3 प्रतिशत दर्ज किया गया। सिक्के का दूसरा पहलू यह है कि इस बार चुनाव में कुम्हरार (40.2 प्रतिशत), बांकीपुर (41.3 प्रतिशत) और दीघा (42.8 प्रतिशत) जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में सबसे कम मतदान दर्ज किया गया है। हालांकि इन क्षेत्रों में पिछला रिकॉर्ड देखें तो इसमें बढ़ोतरी हुई है। इससे यह भी पता चलता है कि पूरे राज्य में लोगों ने बढ़चढ़ कर चुनाव में हिस्सा लिया। बिहार चुनाव की एक खास बात यह भी रही कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की भागीदारी अधिक देखने को मिली है। यह विधान सभा और लोक सभा दोनों चुनावों में यही प्रवृत्ति रही।

First Published : November 13, 2025 | 9:43 AM IST