भारत के पश्चिमी तट को छोड़कर अगले 5 से 6 दिन में देश के लगभग सभी इलाकों में बारिश होने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि एक के बाद एक चक्रवाती हवाओं के प्रभाव से कम से मध्यम बारिश, ओलावृद्धि और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात के कारण भारत के दोनों समुद्री इलाकों बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की ओर से नर्म हवाएं चलने की संभावना है।
मौसम की स्थिति देखते हुए मौसम विभाग (IMD) ने अपनी हाल की रिलीज में किसानों को सलाह दी है कि उत्तर, पश्चिम व मध्य भारत में सरसों, चना और सब्जियों की तैयार फसल की कटाई कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर रख लिया जाना चाहिए।
बागवानी फसल जैसे केले के लिए मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि केले के पेड़ पर लगे फल को बांस या पॉलीथिलीन खंभों का सहारा दिया जाना चाहिए और नई लगाई गई सब्जियों या लता वाली सब्जियों के लिए और अंगूर के गुच्छों को बचाने के लिए स्कर्टिंग बैग या एल्युमीनियम फॉइल का इस्तेमाल करना चाहिए। मध्य महाराष्ट्र में बारिश से बचाव के लिए किसानो को यह सलाह दी गई है।
मौसम विभाग ने किसानों को किसी भी तरह की सिंचाई या केमिकल स्प्रे को लेकर सख्ती से मना किया है। मौसम की जानकारी देने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट में वाइस प्रेसीडेंट महेश पालावत ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि यह सीजन की पहली मॉनसून पूर्व गतिविधि होगी, जो पश्चिमी तट को छोड़कर संभवत देश के सभी इलाकों में असर डालेगी।
बारिश के व्यापक प्रसार की मुख्य वजह राजस्थान और उसके बाद तेलंगाना और कर्नाटक के आंतरिक इलाकों से उठने वाला चक्रवाती तूफान होगा, जो बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों तरफ से आर्द हवाएं लाएगी। पालावत ने कहा कि यह व्यवस्था धीरे धीरे उत्तर पूर्व भारत की ओर बढ़ेगी और उसके बाद कमजोर हो जाएगी।