facebookmetapixel
28 साल के हाई पर राइट्स इश्यू, सेबी के नए नियमों से फंड जुटाना हुआ आसान; QIP में तेज गिरावटसोना-चांदी में फिर तेजी: बिकवाली के बाद लौटी चमक, 1979 के बाद सबसे अच्छे वर्ष की राह पर2025 में म्युचुअल फंड्स में नए निवेशकों की रफ्तार धीमी, बाजार की अस्थिरता बनी बड़ी वजहजापान को पीछे छोड़ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत: सरकार2025 में निवेशकों को लगे बड़े झटके, सोना चमका तो मिडकैप-स्मॉलकैप फिसले; 2026 में इससे बचना जरूरी!Year Ender 2025: SIP निवेश ने तोड़ा रिकॉर्ड, पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पारMidcap Funds Outlook 2026: रिटर्न घटा, जोखिम बढ़ा; अब मिडकैप फंड्स में निवेश कितना सही?Share Market: लगातार 5वें दिन बाजार में गिरावट, सेंसेक्स-निफ्टी दबाव मेंYear Ender: 42 नए प्रोजेक्ट से रेलवे ने सबसे दुर्गम इलाकों को देश से जोड़ा, चलाई रिकॉर्ड 43,000 स्पेशल ट्रेनें2026 में भारत-पाकिस्तान में फिर होगी झड़प? अमेरिकी थिंक टैंक का दावा: आतंकी गतिविधि बनेगी वजह

मुंबई हवाई अड्डे पर विमानों में विलंब की समस्या घटी

Mumbai Airport : मंत्रालय ने 15 फरवरी को अदाणी ग्रुप द्वारा संचालित मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (मायल) को कुछ उड़ानों को रद्द करने का निर्देश दिया था

Last Updated- February 28, 2024 | 11:49 PM IST
मुंबई हवाईअड्डे पर विमान ज्यादा, सैकड़ों उड़ानें रद्द, Excess aircraft at Mumbai airport, hundreds of flights cancelled

नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) ने बुधवार को कहा कि 15 फरवरी से कंजेशन-इंड्यूस्ड कैंसिलेशन यानी भीड़भाड़ वाले हवाई मार्गों पर कुछ उड़ानें रद्द करने का निर्देश दिए जाने के बाद से मुंबई हवाई अड्डे पर विमानों की आवाजाही में विलंब की समस्या काफी हद तक घट गई है।

मंत्रालय ने 15 फरवरी को अदाणी ग्रुप द्वारा संचालित मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (मायल) को कुछ उड़ानों को रद्द करने का निर्देश दिया था, क्योंकि उन्हें अपने हवाई मार्ग में अत्य​धिक भीड़ होने की वजह से विलंब की समस्या का सामना करना पड़ रहा था।

एमओसीए ने कहा है, ‘एएआई (भारतीय हवाई अड्डा प्रा​धिकरण) द्वारा कराए गए एक विश्लेषण से अत्य​धिक स्लॉट आवंटन (मायल द्वारा) और खराब स्लॉट अनुपालन (एयरलाइंस द्वारा) का पता चला जिससे हवाई यातायात संबं​धित समस्या बढ़ी।’ स्लॉट वह खास टाइम होता है जब उड़ान किसी हवाई अड्डे पर आती या जाती है।

एयरपोर्ट ऑपरेटर एयरलाइनों को स्लॉट निर्धारित करता है। विमान के तय स्लॉट से पहले परिचालन करने पर इसे टेबल में ‘बिफोर ​शिड्यूल्ड अराइवल टाइम’ के तौर पर लिखा जाता है, जिससे हवाई मार्ग पर भीड़भाड़ बढ़ती है और अन्य विमान को ​शिड्यूल का पालन करने में विलंब होता है। इसका अन्य संबं​धित गतिवि​धियों पर नकारात्मक असर पड़ता है।

First Published - February 28, 2024 | 11:49 PM IST

संबंधित पोस्ट