प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
संसद में विपक्ष द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण मॉनसून सत्र के पहले दिन से जारी गतिरोध शुक्रवार को भी टूटा। लेकिन लोक सभा एवं राज्य सभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में बनी सहमति के अनुसार अगले सप्ताह से दोनों सदनों में कामकाज होने की संभावना है।
शुक्रवार को विपक्ष के हंगामे के कारण लोक सभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे के उपरांत और राज्य सभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे के पश्चात पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे के कारण दोनों सदनों में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं चल सके। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ सत्ता पक्ष और विपक्ष के प्रतिनिधियों की शुक्रवार को हुई बैठक में फैसला किया गया कि सदन में गतिरोध खत्म कर अगले सोमवार से कार्यवाही नियमित रूप से संचालित की जाएगी।
निचले सदन में कांग्रेस के मुख्य सचेतक कोडिकुनिल सुरेश ने बताया कि अगले सोमवार से सदन में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा होगी। राज्य सभा की बीएसी बैठक में पहले ही यह तय हो चुका है कि अगले सप्ताह उच्च सदन में पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की जाएगी। लोक सभा में कारगिल विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ (26 जुलाई) के अवसर पर इस युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के कई घटक दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ शुक्रवार को संसद भवन परिसर में मार्च किया और प्रतीकात्मक विरोध करते हुए एसआईआर लिखे पोस्टर फाड़कर कूड़ेदान में डाले। विपक्ष के नेताओं ने महात्मा गांधी की प्रतिमा से संसद भवन के ‘मकर द्वार’ तक मार्च निकाला। इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस नेता एवं लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और कई अन्य दलों के सांसद शामिल हुए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को लोक सभा को बताया कि आईसीएमआर के एक अध्ययन में पाया गया है कि कोविड-19 टीकाकरण से भारतीय युवाओं में अचानक मौत होने का जोखिम नहीं बढ़ा है। इसमें कहा गया कि कोविड के दौरान अस्पताल में भर्ती होने, अचानक मृत्यु के पारिवारिक इतिहास और कुछ जीवनशैली संबंधी आदतों के कारण अचानक मृत्यु की आशंका बढ़ गई। भाषा