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अदालत ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं देश की सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर कर सकती हैं और इस वक्त सुरक्षाबलों का मनोबल गिराना ठीक नहीं होगा।

Last Updated- May 01, 2025 | 8:38 PM IST
Supreme Court of India
Representative Image

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले की न्यायिक जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि इस तरह की याचिकाएं देश की सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर कर सकती हैं और इस वक्त सुरक्षाबलों का मनोबल गिराना ठीक नहीं होगा।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाते हुए कहा, “ऐसी जनहित याचिका दाखिल करने से पहले देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी समझिए। यह देश के लिए बेहद संवेदनशील समय है, जब हर भारतीय आतंकवाद के खिलाफ एकजुट है। सुरक्षाबलों का मनोबल तोड़ने वाली याचिकाएं न लाएं। मुद्दे की संवेदनशीलता को समझिए।”

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यह याचिका बाइसारन घाटी, पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित करने की मांग कर रही थी। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें से ज्यादातर पर्यटक थे।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अदालतों और सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की भूमिका जांच नहीं, बल्कि फैसले देने की होती है।

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‘हम जांच एजेंसी नहीं, फैसला देने वाले हैं’

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, “हमारी अदालतों की भूमिका जांच करने की नहीं है। आप एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट जज से जांच करवाने की मांग कर रहे हैं, जबकि उनका काम केवल फैसला देना होता है। ऐसे आदेश की मांग हमसे न करें।”

 

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First Published - May 1, 2025 | 2:34 PM IST

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