केंद्र ने बुधवार को दावा किया कि सरकार द्वारा प्याज की थोक बिक्री के कारण आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली के प्रमुख बाजारों में प्याज की कीमतें स्थिर हुई हैं। उधर 840 टन प्याज से लदी एक और मालगाड़ी आज दिल्ली पहुंच गई। यह दूसरी ट्रेन है, जो नासिक से प्याज लेकर दिल्ली पहुंची है। इसके पहले 1600 टन प्याज लेकर कांदा एक्सप्रेस 20 अक्टूबर को दिल्ली आई थी।
इसमें से ज्यादातर प्याज की खुदरा बिक्री 35 रुपये प्रति किलो के भाव होगी, जबकि पहली खेप की बिक्री थोक कीमतें कम करने के लिए नीलामी के माध्यम से की गई थी। राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ ने पहली रेलवे ट्रेन के लिए प्याज खरीदी थी, जबकि दूसरी ट्रेन के लिए नेफेड ने प्याज खरीदी है।
आंकड़ों से पता चलता है कि थोक बिक्री के कारण 22 अक्टूबर के बाद दिल्ली की आजादपुर थोक मंडी में प्याज की कीमत में करीब 5 प्रतिशत की कमी आई है। केंद्र सरकार ने कहा है कि नासिक मंडी में भी प्याज की थोक कीमत 24 सितंबर के 47 रुपये किलो की तुलना में कम होकर 29 अक्टूबर 2024 को करीब 40 रुपये किलो हो गई है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि विभिन्न इलाकों में प्याज की समय पर, विश्वसनीय और सस्ती डिलिवरी के लिए पहली बार रेल रेक से थोक में प्याज भेजा गया है। नेफेड ने इससे पहले 26 अक्टूबर को चेन्नई में 840 टन प्याज पहुंचाया था, जबकि इसी मात्रा की एक और खेप एनसीसीएफ ने बुधवार सुबह नासिक से गुवाहाटी के लिए रवाना की थी। सरकार ने रबी सत्र के दौरान 4.7 लाख टन का बफर बनाया था और पांच सितंबर से खुदरा और थोक चैनल के माध्यम से इसे जारी करना शुरू किया था।
बयान में कहा गया, ‘नासिक और अन्य केंद्रों से सड़क परिवहन के माध्यम से 1.40 लाख टन प्याज भेजा गया है।’ राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) 22 राज्यों में 104 गंतव्यों तक पहुंच चुका है, जबकि नेफेड 16 राज्यों में 52 स्थानों को अपने दायरे में लाता है। एजेंसियों ने 35 रुपये प्रति किलो की दर से खुदरा बिक्री के लिए सफल, केंद्रीय भंडार और रिलायंस रिटेल के साथ साझेदारी की है। इसके अतिरिक्त, खुदरा वितरण के लिए नौ राज्य सरकारों और सहकारी समितियों को 86,500 टन प्याज आवंटित किया गया है।