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Morbi bridge tragedy: मोरबी पुल हादसे के लिए जंग लगे तार और जोड़े गए सस्पेंडर जिम्मेदार; SIT ने सौंपी प्रारंभिक रिपोर्ट

Published by
भाषा
Last Updated- February 19, 2023 | 11:24 PM IST

गुजरात सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया है कि केबल पर लगभग आधे तारों पर जंग लगना और पुराने सस्पेंडर्स को नए के साथ वेल्डिंग करना उन कुछ प्रमुख खामियों में शामिल थे जिसके कारण पिछले साल मोरबी में झूलते पुल के टूटने का हादसा हुआ था। उक्त दुर्घटना में 135 व्यक्तियों की मौत हो गई थी। ये निष्कर्ष पांच सदस्यीय एसआईटी द्वारा दिसंबर 2022 में सौंपी गई ‘मोरबी पुल हादसे पर प्रारंभिक रिपोर्ट’ का हिस्सा हैं।

रिपोर्ट को हाल ही में राज्य शहरी विकास विभाग द्वारा मोरबी नगर पालिका के साथ साझा किया गया। मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल के पुल के संचालन और रखरखाव के लिए अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) जिम्मेदार था। उक्त पुल पिछले साल 30 अक्टूबर को टूट गया था। एसआईटी ने पुल की मरम्मत, रखरखाव और संचालन में कई खामियां पाईं हैं।

आईएएस अधिकारी राजकुमार बेनीवाल, आईपीएस अधिकारी सुभाष त्रिवेदी, राज्य सड़क एवं भवन विभाग के एक सचिव एवं मुख्य अभियंता और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के एक प्रोफेसर एसआईटी के सदस्य थे।

SIT ने पाया कि मच्छू नदी पर 1887 में तत्कालीन शासकों द्वारा बनाए गए पुल के दो मुख्य केबल में से एक केबल में जंग की दिक्कत थी और हो सकत है कि इसके लगभग आधे तार 30 अक्टूबर की शाम को केबल टूटने से ‘पहले ही टूट चुके’ हों।

SIT के अनुसार, नदी के ऊपर की ओर की मुख्य केबल टूट गई, जिससे यह हादसा हुआ।

SIT ने यह भी पाया कि नवीनीकरण कार्य के दौरान, ‘‘पुराने सस्पेंडर्स (स्टील की छड़ें जो केबल को प्लेटफॉर्म डेक से जोड़ती हैं) को नये सस्पेंडर्स के साथ वेल्ड कर दिया गया था। इसलिए सस्पेंडर्स का व्यवहार बदल गया। इस प्रकार के पुलों में भार वहन करने के लिए एकल रॉड सस्पेंडर्स होने चाहिए।’’

गौरतलब है कि मोरबी नगर पालिका ने सामान्य बोर्ड की मंजूरी के बिना ओरेवा ग्रुप (अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड) को पुल के रखरखाव और संचालन का ठेका दिया था। उसने पुल को मार्च 2022 में नवीनीकरण के लिए बंद कर दिया था और 26 अक्टूबर को बिना किसी पूर्व अनुमोदन या निरीक्षण के इसे खोल दिया था।

SIT के अनुसार, पुल टूटने के समय पुल पर लगभग 300 व्यक्ति थे, यह संख्या पुल की भार वहन क्षमता से “कहीं अधिक” थी। हालांकि, इसने कहा कि पुल की वास्तविक क्षमता की पुष्टि प्रयोगशाला रिपोर्ट से होगी।

मोरबी पुलिस ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल सहित दस आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308, 336, 337 और 338 के तहत पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।

First Published : February 19, 2023 | 11:20 PM IST