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देश की 55 फीसदी तहसीलों में मॉनसून की बारिश बढ़ी

Monsoon rainfall : आंकड़ों से यह जानकारी मिली है कि देश के 30 प्रतिशत जिलों में बारिश की अधिक कमी और 38 प्रतिशत जिलों में अत्यधिक बारिश वाले साल देखे गए।

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संजीब मुखर्जी   
Last Updated- January 18, 2024 | 11:12 PM IST

देश की 55 प्रतिशत तहसीलों या उपजिलों में साल 2012 से 2022 के दशक के दौरान जलवायु परिवर्तन के कारण दक्षिण-पश्चिम मॉनसून से 10 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। यह जानकारी बुधवार को एक नए अध्ययन में दी गई है।

स्वतंत्र थिंक टैंक ‘द काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट ऐंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू)’ ने देश की 4500 से अधिक तहसीलों में बीते 40 वर्षों के दौरान हुई बारिश का अध्ययन किया है। इस अध्ययन में जानकारी मिली कि बीते एक दशक के दौरान इन उपजिलों में दक्षिण पश्चिम मॉनसून की 11 प्रतिशत कम बारिश हुई।

वर्षा सिंचित उत्तर-पूर्वी भारत, सिंधु-गंगा के मैदानों और ऊपरी हिमालय क्षेत्र की तहसीलों में बारिश की कमी दर्ज की गई। यह क्षेत्र भारत के कृषि उत्पादों के लिए महत्त्वपूर्ण है और इस क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र नाजुक भी है। यह विषम जलवायु के प्रति जोखिमपूर्ण भी है। वैसे पारंपरिक रूप से सूखे वाले क्षेत्र राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में जून से सितंबर के दौरान 30 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई।

अध्ययन ‘डिकोडिंग इंडियाज चेंजिंग मॉनसून पैटर्न’ में जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश के तरीके में बदलाव का अध्ययन किया गया है। अध्ययन में यह जानकारी भी मिली कि अधिक बारिश वाली तहसीलों में बार-बार कम अवधि की ज्यादा बारिश हो रही है और अत्यधिक बारिश के कारण बार-बार बाढ़ आती है।

आंकड़ों से यह जानकारी मिली है कि देश के 30 प्रतिशत जिलों में बारिश की अधिक कमी और 38 प्रतिशत जिलों में अत्यधिक बारिश वाले साल देखे गए।

हालांकि 23 प्रतिशत जिलों में अत्यधिक कमी के साथ अत्यधिक बारिश वाले साल भी देखने को मिले। ऐसे जिलों में नई दिल्ली, बेंगलूरु, नीलगिरी, जयपुर, कच्छ और इंदौर हैं। मौसम विभाग देश के करीब 717 जिलों में मॉनसून के आंकड़े एकत्रित करता है।

सीईईडब्ल्यू के अनुसार उत्तर-पूर्व मॉनसून की बारिश बीते दशक (2012-2022) के दौरान करीब 10 प्रतिशत बढ़ गई है। उत्तर-पूर्व मॉनसून का प्रभाव आमतौर पर प्रायद्वीपीय भारत पर पड़ता है। लिहाजा तमिलनाडु की 80 प्रतिशत तहसीलों, तेलंगाना के 44 प्रतिशत तहसीलों और आंध्र प्रदेश की करीब 39 प्रतिशत तहसीलों में बारिश अधिक हुई।

रिपोर्ट के मासिक अध्ययन के अनुसार भारत की करीब 48 प्रतिशत तहसीलों में अक्टूबर के दौरान 10 प्रतिशत अधिक बारिश हुई और यह बारिश उपमहाद्वीप में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के लौटने के दौरान हुई। देश की अर्थव्यवस्था में मॉनसून की बारिश अहम भूमिका निभाती है।

First Published : January 18, 2024 | 11:12 PM IST