facebookmetapixel
उच्च विनिर्माण लागत सुधारों और व्यापार समझौतों से भारत के लाभ को कम कर सकती हैEditorial: बारिश से संकट — शहरों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के लिए तत्काल योजनाओं की आवश्यकताGST 2.0 उपभोग को बढ़ावा दे सकता है, लेकिन गहरी कमजोरियों को दूर करने में कोई मदद नहीं करेगागुरु बढ़े, शिष्य घटे: शिक्षा व्यवस्था में बदला परिदृश्य, शिक्षक 1 करोड़ पार, मगर छात्रों की संख्या 2 करोड़ घटीचीन से सीमा विवाद देश की सबसे बड़ी चुनौती, पाकिस्तान का छद्म युद्ध दूसरा खतरा: CDS अनिल चौहानखूब बरसा मॉनसून, खरीफ को मिला फायदा, लेकिन बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही; लाखों हेक्टेयर फसलें बरबादभारतीय प्रतिनिधिमंडल के ताइवान यात्रा से देश के चिप मिशन को मिलेगी बड़ी रफ्तार, निवेश पर होगी अहम चर्चारूस से तेल खरीदना बंद करो, नहीं तो 50% टैरिफ भरते रहो: हावर्ड लटनिक की भारत को चेतावनीअर्थशास्त्रियों का अनुमान: GST कटौती से महंगाई घटेगी, RBI कर सकता है दरों में कमीअमेरिकी टैरिफ और विदेशी बिकवाली से रुपये की हालत खराब, रिकॉर्ड लो पर पहुंचा; RBI ने की दखलअंदाजी

अगस्त, सितंबर में मॉनसूनी बारिश दीर्घावधि औसत का 106% रहेगी

बिहार, झारखंड, पूर्वोत्तर भारत के कुछ इलाकों औरआंध्र प्रदेश प्रमुख राज्य हैं, जहां अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है।

Last Updated- August 01, 2025 | 10:16 PM IST
monsoon

चार महीने के बारिश के मौसम में दक्षिण पश्चिमी मॉनसून के 2 महीने बीत चुके हैं और अब महत्त्वपूर्ण मोड़ पर है। बिहार, झारखंड, पूर्वोत्तर भारत के कुछ इलाकों औरआंध्र प्रदेश प्रमुख राज्य हैं, जहां अब तक सामान्य से कम बारिश हुई है।

बुरी खबर यह है कि मौसम विभाग ने अगस्त और सितंबर के ताजा अनुमान में कहा है कि आखिरी दो महीनों में देश के अन्य सभी इलाकों में सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है, लेकिन पूर्वोत्तर के कई इलाकों और उससे सटे पूर्वी भारत अपवाद बने रहेंगे। इसका असर इन राज्यों, खासकर बिहार और असम की खेतीबाड़ी पर पड़ सकता है।

कुल मिलाकर अगस्त और सितंबर में मॉनसूनी बारिश दीर्घावधि औसत का 106 प्रतिशत रहेगी। दो महीनों का दीर्घावधि औसत 422.8 मिलीमटर है। वहीं मौसम विभाग ने कहा है कि अगस्त में बारिश एलपीए के 94 से 106 प्रतिशत के बीच होगी। अगस्त का एलपीए 254.9 मिलीमीटर है।

First Published - August 1, 2025 | 10:06 PM IST

संबंधित पोस्ट