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Money laundering case: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मिली जमानत, हाईकोर्ट ने कहा- प्रथम दृष्टया दोषी नहीं

जमीन घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- June 28, 2024 | 1:05 PM IST

Hemant Soren: जमीन घोटाला मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। झारखंड हाईकोर्ट ने सोरेन के मामले की सुनवाई 13 जून को ही पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत की मंजूरी के बाद अब सोरेन करीब 5 महीने बाद जेल के बाहर की हवा ले सकेंगे।

बता दें कि हेमंत सोरेन बनाम ED मामले की सुनवाई जस्टिस रोंगोन मुखोपाध्याय की बेंच कर रही थी। आज जिस बेंच ने सोरेन की जमानत अर्जी को मंजूर की है, उसी बेंच ने इससे पहले सोरेन को अपने चाचा के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत की याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि ऐसी याचिका देने के लिए कोई असाधारण परिस्थिति नहीं बनी थी।

बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं सोरेन

48 साल के हेमंत सोरेन मौजूदा समय में राज्य के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष को केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने फर्जी लेनदेन के माध्यम से रिकॉर्ड में हेरफेर करने और जमीन हासिल करने के लिए जाली दस्तावेजों का उपयोग करने के आरोप में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था। उनकी गिरफ्तारी उसी दिन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद हुई थी।

सोरेन के इस्तीफा देने के बाद राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया। उन्होंने पिछले महीने झारखंड हाई कोर्ट में नई अर्जी दाखिल कर जमानत की गुहार लगाई थी।

हाईकोर्ट ने कहा- प्रथम दृष्टया अपराध के दोषी नहीं

सोरेन की तरफ से पेश वकील अरुणाभ चौधरी ने PTI-भाषा को बताया, ”सोरेन को जमानत दे दी गई है। अदालत ने माना है कि प्रथम दृष्टया वह अपराध के दोषी नहीं है और जमानत पर रहने पर याचिकाकर्ता द्वारा अपराध करने की कोई संभावना नहीं है।’

सुनवाई के दौरान ED की तरफ से पेश हुए वकील एसवी राजू ने दलील दी कि अगर सोरेन को जमानत पर रिहा किया गया तो वह इसी तरह का अपराध करेंगे।

क्या है हेमंत सोरेन का मामला

हेमंत सोरेन से जुड़ा जमीन घोटाले का यह मामला साल 2023 में बढ़गैन क्षेत्र (Badhgaain area) के भू-राजस्व निरीक्षक (land revenue inspector) भानु प्रताप प्रसाद की गिरफ्तारी से शुरू हुआ था। प्रसाद कथित तौर पर जमीन हथियाने वाले सिंडिकेट का हिस्सा थे, जिसने मूल भूमि रिकॉर्ड में हेराफेरी की थी।

प्रसाद के पास से कई जमीन के ओरिजिनल रिकॉर्ड बरामद किए गए, साथ ही उनके फोन पर एक फोटो भी मिली जिसमें कथित तौर पर सोरेन के अवैध कब्जे में 8.36 एकड़ भूमि का पार्सल दिखाया गया था। ED ने कोर्ट से कहा कि सोरेन ने रांची में 8.86 एकड़ जमीन हासिल करने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया।

ED के वकील एसवी राजू ने दावा किया कि गवाहों ने अवैध भूमि सौदे में हेमंत सोरेन की संलिप्तता की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सोरेन के मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद ने स्वीकार किया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने उन्हें जमीन की ओनरशिप डिटेल को बदलने के लिए ऑफिशियल रिकॉर्ड में हेरफेर करने को कहा था।

First Published : June 28, 2024 | 12:05 PM IST