Scheme for Agniveers: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ज्यादातर विपक्षी पार्टियों का मुद्दा अग्निपथ योजना रही है। कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया था कि अगर उनकी INDIA (गठबंधन) की सरकार आई तो वे अग्निपथ योजना को समाप्त कर देंगे। इस योजना का गुस्सा ज्यादातर लोगों में देखने को मिला और इसका नुकसान इस बार के आम चुनाव में भी देखने को मिला। लेकिन अब जहां भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना को लेकर प्रावधानों में बदलाव की इच्छा जताई है तो वहीं केंद्र सरकार भी इस नियम में बदलाव को तैयार है। बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत चुने गए कैंडिडेट्स को अग्निवीर कहा जाता है।
2024 के आम चुनाव के विश्लेषण में राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना था कि कई मुद्दों में अग्निपथ योजना भी एक रही, जो मोदी सरकार के लिए नुकसान साबित हुई और भाजपा को बहुमत भी हासिल नहीं हुआ। मोदी सरकार बनने में नीतीश कुमार की पार्टी JDU और चंद्रबाबू नायडू की पार्टी (TDP) का प्रमुख योगदान रहा। खबर यह भी आ रही थी कि नई सरकार के गठन के लिए गठबंधन बनने से पहले नीतीश कुमार ने भाजपा से अग्निवीर में संशोधन की मांग की थी।
इकनॉमिक टाइम्स (ET) ने आज खबर दी है कि पीएम मोदी की अगुवाई वाली NDA सरकार ने 10 प्रमुख केंद्रीय मंत्रालयों के सचिवों (secretaries) से कहा है कि वे अग्निपथ योजना का रिव्यू करें और यह सलाह दें कि अग्निवीरों की भर्ती को और कैसे आकर्षित और बेहतर बनाएं ताकि भर्ती प्रक्रिया में कोई कोर कसर न रह जाए।
ET की रिपोर्ट ने बताया कि अग्निपथ योजना में सुधार करने के लिए सचिवों का बनाया गया रिव्यू पैनल 16 जून तक अपने सुझावों की पूरी तरह से तैयार कर लेगा और पीएम मोदी को फाइनल प्रेजेंटेशन सौंपेगा। फाइनल प्रेजेंटेशन की तारीख 17 या 18 जून हो सकती है। फाइनल प्रेजेंटेशन के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय इसमें सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाएगा। बता दें कि अभी पीएम मोदी G7 समिट के लिए इटली जा रहे हैं। G7 समित 13 से 15 जून तक होगी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सेना अग्निवीरों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना में बदलावों पर चर्चा कर रही है। इस चर्चा में अग्निवीरों के ट्रेनिंग पीरियड को बढ़ाना और साथ ही साथ ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद मौजूदा 25 प्रतिशत अग्निवीरों को ही आगे मौका देने के नियमों में बदलाव करना शामिल है।
सेना चाहती है कि अग्निवीरों की ट्रेनिंग के बाद भी अग्निवीरों की संख्या 60-70 प्रतिशत तक बरकरार रखी जाए। मौजूदा नियमों के मुताबिक, ट्रेनिंग पूरी होने के बाद अग्निवीरों का केवल 25 प्रतिशत हिस्सा ही रखा जाएगा। 75 प्रतिशत अग्निवीरों को करीब 12 लाख रुपये का भुगतान करके जाने दिया जाएगा।
सेना का यह भी कहना है कि अग्निपथ योजना से पहले सैनिकों का ट्रेनिंग पीरियड 37 से 42 सप्ताह के बीच था, लोकिन अग्निवीरों के लिए यह घटाकर 24 सप्ताह कर दिया गया। इसका प्रतिकूल असर उनके ओवरऑल ट्रेनिंग में देखने को मिल रहा है।