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इस दीवाली आप खुद को क्या तोहफा देना चाहेंगे? इस सवाल पर ज्यादातर कारोबारी दिग्गजों ने शायद सोचा भी नहीं होगा। इसलिए सवाल सुनते ही वे पहले मुस्कराते हैं और फिर चुप होकर सोने लगते हैं। जवाब आता है, ‘खुद के लिए तोहफा? यह तो सोचना पड़ेगा।’
नामी कंपनियां संभाल रही इन हस्तियों को महंगी गाड़ियों, घड़ियों या बेशकीमती कलाकृतियों का शौक हो सकता है और ऐसी विलासिता उनके लिए आम बात हो सकती है। मगर कुछ लोग इनसे अलग कुछ चाहते हैं, जैसे: हंसी, लंबे समय से टल रही छुट्टी, परिवार के साथ ज्यादा वक्त, दिमागी सुकून और साफ हवा।
महामारी से उबरने के बाद हालात बहुत अच्छे लग रहे हैं मगर कोविड वाले साल अपनी छाप छोड़ गए हैं। भारत में मल्टीप्लेक्स क्रांति करने वाले अजय बिजली ने कहा कि कोविड का दौर झटके सहने और वापस पटरी पर आने की क्षमता का सबसे मुश्किल इम्तहान साबित हुआ।
सिनेमा उद्योग को सबसे तगड़ा झटका लगा। मगर ब्लॉकबस्टर फिल्मों ने खोई चमक फिर लौटा दी है और मल्टीप्लेक्स नए जोश के साथ काम कर रहे हैं। पीवीआर आईनॉक्स के प्रबंध निदेशक बिजली कहते हैं, ‘मैं इस दीवाली पर ज्यादा मानसिक मजबूती का तोहफा चाहूंगा ताकि जिंदगी में आने वाले उतारचढ़ाव से निपटा जा सके।’
89 साल के हो चुके मारुति सुजूकी के चेयरमैन आरसी भार्गव कहते हैं कि जीवन के इस पड़ाव पर उनकी अपनी कोई हसरत नहीं रह गई है और न ही उन्हें किसी चीज की जरूरत है। मगर उन्हें लगता है कि देश ने अपने पास मौजूद असीम क्षमता और संभावना का पूरा फायदा नहीं उठाया है, इसलिए जनता को उतने आर्थिक फायदे नहीं मिल सके हैं, जितने मिलने चाहिए थे।
देश के दो महानगरों दिल्ली और मुंबई में लोग जानलेवा प्रदूषण से जूझ रहे हैं। इसे देखकर इलेक्ट्रिक राइड-शेयरिंग कंपनी ब्लूस्मार्ट के सह-संस्थापक एवं सीईओ अनमोल सिंह जग्गी को इस दीवाली एक ही तोहफा नजर आता है और वह है ‘साफ हवा में सांस लेना’।
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रॉयल एनफील्ड के सीईओ बी गोविंदराजन ने भी ताजी हवा में सांस लेने की इच्छा जताई। वह चाहते हैं कि यह तमन्ना 5 दिन की छुट्टी के साथ रॉयल एनफील्ड हिमालयन पर सवारी करते हुए पूरी हो।
उधर डाबर इंडिया के चेयरमैन मोहित बर्मन इसका एकदम उलटा चाहते हैं। वह कहते हैं, ‘हमारे चारों ओर रेलिगेयर का जो हो-हल्ला मचा है, उसके बीच मेरे लिए सबसे अच्छा तोहफा अपने माता-पिता और परिवार के साथ समय बिताना ही होगा।’
पा पा या, मसाला लाइब्ररी और फर्जी कैफे की मालिक मैसिव रेस्टॉरेंट्स के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक जोरावर कालरा बताते हैं, ‘इस दीवाली पर मेरा अपने घर पर काफी वक्त बिताने का इरादा है।’
दीवाली के बाद काम पर लौटने से पहले वह अपने परिवार के साथ कहीं घूमने जाना चाहते हैं। जिंदल स्टेनलेस के एमडी अभ्युदय जिंदल को हाल ही में बेटा हुआ है और वह उसे अपना सबसे बड़ा तोहफा बताते हैं। अब उनकी इच्छा प्यार करने वाले और बच्चे को ताकत देने वाले माता-पिता बनने की है।
मेट्रोपॉलिस हेल्थकेयर की प्रवर्तक एवं प्रबंध निदेशक अमीरा शाह के लिए सेहत सबसे ऊपर है। वह कहती हैं, ‘मेरे ख्याल से दीवाली जश्न का वक्त होता है और जश्न का मतलब आनंद मनाना है। मेरा नजरिया बदल गया है। मेरे लिए सेहतमंद शरीर ही जश्न है।’ स्टार हेल्थ ऐंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी के 79 वर्षीय संस्थापक वेंकटसामी जगन्नाथन खुद को बेहतर सेहत के साथ दो और तोहफे देना चाहते हैं – पढ़कर ज्ञान हासिल करना और युवा पीढ़ी से सीखना।
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एडटेक यूनिकॉर्न अपग्रेड के सह-संस्थापक एवं एमडी मयंक कुमार महामारी के दौरान घर से काम करते हुए फिटनेस के प्रति ज्यादा जागरूक हो गए और मैराथन में भी हिस्सा ले लिया। इस साल दीवाली पर वह फिटनेस पर ज्यादा वक्त और प्रयास देना चाहते हैं ताकि बेहतर काम हो सके।
अपने साथियों को भी वह इसके लिए प्रोत्साहित करेंगे। दुनिया भर में चल रहे संघर्षों और आर्थिक अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए को-वर्किंग फर्म इंडीक्यूब की सह-संस्थापक मेघना अग्रवाल चाहती हैं कि सब शांति के साथ मिलकर रहें।
315वर्क एवेन्यू के संस्थापक मानस मेहरोत्रा चाहते हैं कि खुलकर सच्ची हंसी के ठहाके लगाएं। रियल एस्टेट डेवलपर कॉनकॉर्ड की कार्यकारी निदेशक ग्रीष्मा रेड्डी ने कहा कि वह दफ्तर में ऐसी संस्कृति का तोहफा देना चाहती हैं, जो कर्मचारियों के कल्याण, सुख और पेशेवर विकास में मददगार हो।