File Photo: Moody's Logo
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कैलेंडर वर्ष 2023 और 2024 में भारत की वृद्धि दर क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 6.1 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। गुरुवार को एजेंसी ने कहा कि मजबूत घरेलू मांग से निकट भविष्य में भारत की वृद्धि दर टिकाऊ बनी रहेगी।
मूडीज ने अपने ‘वैश्विक वृहद आर्थिक अनुमान-2024’ में कहा कि घरेलू मांग में सतत बढ़ोतरी भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा रही है। मूडीज ने कहा, ‘वस्तु एवं सेवा कर संग्रह तेज रहने, वाहनों की बिक्री बढ़ने, ग्राहकों की आशावादिता और दो अंकों की ऋण वृद्धि दर से पता चलता है कि त्योहारों में शहरी खपत की मांग में तेजी बने रहने की संभावना है।’
एजेंसी ने यह भी कहा है कि घरेलू मांग की गणित त्योहारों के मौसम के बाद महंगाई दर और रिजर्व बैंक की मौद्रिक सख्ती पर निर्भर होगा। मूडीज ने कहा,‘प्रतिकूल वैश्विक आर्थिक स्थिति के कारण निर्यात कमजोर बना हुआ है, लेकिन मजबूत घरेलू मांग की वजह से निकट भविष्य में वृद्धि बनी रहेगी।’
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण मांग जिसमें सुधार के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं वहीं असमान मॉनसून के कारण चिंता बनी हुई है। इससे फसल की पैदावार और कृषि आय कम हो सकती है।
Also read: RBI पूरी तरह सतर्क, मॉनेटरी पॉलिसी का जोर महंगाई कम करने पर : शक्तिकांत दास
मूडीज ने कहा कि प्रमुख महंगाई दर भी अगस्त में 4.8 प्रतिशत से कम होकर 4.5 प्रतिशत हो गई, लेकिन असमान मौसम व भूराजनीतिक अनिश्चितता के बीच खाद्य व ऊर्जा की कीमतों में संभावित बढ़ोतरी से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर ऊपर की ओर जाने के जोखिम को लेकर रिजर्व बैंक सतर्क रुख अपनाएगा।
आपूर्ति के हिसाब से विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के विस्तार और प्रमुख उद्योगों की मजबूत वृद्धि से आर्थिक गति मजबूत रहने की संभावना है। प्रमुख संकेतकों से पता चलता है कि दूसरी तिमाही में स्थिति मजबूत रही है, जो तीसरी तिमाही में भी आगे बढ़ रही है। मूडीज को उम्मीद है कि वैश्विक जी-20 की वृद्धि 2024 में कम होकर 2.1 प्रतिशत रहेगी, जो 2023 में 2.8 प्रतिशत रहने की संभावना है।