Manmohan Singh funeral: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को देश ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर दोपहर 1 बजे के करीब किया गया।सिंह की बेटी ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और कई अन्य हस्तियों ने सिंह को अंतिम विदाई दी। सिंह की अंत्येष्टि के समय उनकी पत्नी गुरशरण कौर, तीनों पुत्रियां और कई रिश्तेदार मौजद थे। पूर्व प्रधानमंत्री का सिख धर्म के अनुष्ठानों के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके पार्थिव शरीर को जब निगम बोध घाट ले जाया जा रहा था तो उनकी गाड़ी के पीछे लाखों लोगों का जनसैलाब उमड़ आया था। बड़ी संख्या में लोग पार्थिव शरीर ले जा रही गाड़ियों के पीछे चल रहे थें। इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता ‘‘जब तक सूरज चांद रहेगा, मनमोहन आपका नाम रहेगा’’ और ‘‘मनमोहन सिंह अमर रहें’’ नारे लगाते रहे। सिंह का पार्थिव शरीर जिस वाहन में रखा गया, उसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी बैठे थे।
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और मॉरीशस के विदेश मंत्री धनंजय रामफुल ने शनिवार को नई दिल्ली में निगमबोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किए। वांगचुक ने निगमबोध घाट पर सिंह के अंतिम संस्कार से पहले उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की।
भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया था। वह 92 साल के थे। सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके आवास ‘3 मोतीलाल नेहरू मार्ग’ पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, जहां दलगत भावना से ऊपर उठकर नेताओं ने दिवंगत नेता को अंतिम श्रद्धांजलि दी थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई प्रमुख नेताओं तथा अन्य हस्तियों ने मनमोहन सिंह को उनके आवास पर शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी थी।
कांग्रेस नेता सिंह 2004 से 2014 तक 10 वर्ष देश के प्रधानमंत्री रहे और उससे पहले उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में मदद की। वह वित्तीय और आर्थिक क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर एक प्रसिद्ध नाम थे। उनके नेतृत्व वाली सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआई), शिक्षा का अधिकार (आरटीई) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) जैसी युग परिवर्तनकारी योजनाओं की शुरूआत की। हमेशा नीली पगड़ी पहनने वाले सिंह को 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में भारत का वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था। आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है।
(PTI के इनपुट के साथ)