महाराष्ट्र विधानमंडल का बजट सत्र सोमवार से मुंबई में शुरू हुआ है। महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को राज्य विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन 6,486 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगें पेश कीं। वित्त विभाग का प्रभार संभालने वाले उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अनुपूरक मांगें पेश कीं। अनुपूरक मांगें बजटीय आवंटन के अलावा सरकार द्वारा मांगी गई अतिरिक्त धनराशि हैं। राज्य का बजट 10 मार्च को पेश किया जाएगा।
वित्त मंत्री अजित पवार ने बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा में वर्ष 2024-25 के लिए 6,486.20 करोड़ रुपये की अनुपूरक मांग पेश की हैं। विधानसभा में इन मांगों पर विस्तृत चर्चा करने बाद इसे मंजूरी दी जाएगी। बजट में पेश मांगों में 6,486.20 करोड़ रुपये में से 932.54 करोड़ रुपये की मांगें अनिवार्य के तहत, 3,420.41 करोड़ रुपये की मांगें कार्यक्रमों के तहत तथा 2,133.25 करोड़ रुपये की राशि केन्द्र प्रायोजित कार्यक्रमों के तहत वित्तीय सहायता की उपलब्धता के अनुरूप की गई हैं। इन मांगों में सार्वजनिक उपयोगिता और राज्य के बुनियादी ढांचे के विकास को मजबूत करने के लिए विकास कार्यों को लगने वाले फंड का प्रावधान किया गया है।
साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण नागरिकों के लिए घर, मुख्यमंत्री किसान बिजली शुल्क सब्सिडी योजना के तहत कृषि पंप ग्राहकों के लिए बिजली शुल्क रियायत, केंद्रीय योजना के तहत सडक़ और पुल परियोजनाओं के लिए ब्याज मुक्त ऋण के लिए निधि, राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज शिक्षा शुल्क छात्रवृत्ति योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य योजना, पुणे रिंग रोड, जालना-नांदेड़ एक्सप्रेसवे पर काम में तेजी, गोदावरी मराठवाड़ा सिंचाई विकास निगम के लिए किसान जल संजीवनी योजना, सरकारी योगदान घटक के तहत विभिन्न परियोजनाओं के लिए फंड का प्रावधान अनुपूरक मांग में किया गया है।
अनुपूरक मांगों में ग्रामीण विकास विभाग के लिए 3,006.28 करोड़ रुपये, उद्योग, बिजली तथा श्रम विभागों के लिए 1,688.74 रुपये और शहरी विकास विभाग के लिए 590.28 करोड़ रुपये शामिल हैं। सरकार ने सहकारिता, विपणन तथा कपड़ा विभाग के लिए 313.93 करोड़ रुपये और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के लिए 412.36 करोड़ रुपये मांगे हैं।