महाराष्ट्र

क्रिएटर्स इकोनॉमी को बढ़ावा देगा FTII और MFSCDC का समझौता, ट्रेनिंग और सर्टिफिकेट दोनों मिलेंगे

मुख्यमंत्री फडणवीस ने क्रिएटर्स इकोनॉमी के बढ़ते ग्राफ का जिक्र करते हुए कहा कि यह ग्राफ 100 दिनों में 92,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

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सुशील मिश्र   
Last Updated- July 21, 2025 | 8:12 PM IST

सांस्कृतिक कार्य विभाग और भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (FTII) पुणे के बीच आज एक समझौता (MoU) हुआ। MoU में क्रिएटर्स इकोनॉमी के विकास के लिए कुशल मानव संसाधन विकास का लक्ष्य रखा गया है। महाराष्ट्र सरकार को उम्मीद है कि इस सहयोग से आने वाले दिनों में महाराष्ट्र देश और दुनिया की क्रिएटर्स इकोनॉमी का केंद्र बनेगा।

फिल्म सिटी की प्रबंध निदेशक स्वाति म्हसे-पाटिल और FTII के कुलगुरु धीरज सिंह के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आज आम आदमी भी रचनाकार बन गया है। उसने अपनी रचनात्मकता के बल पर एक स्वतंत्र जगह बनाई है और अब इस रचनात्मक जगह का मौद्रिकरण होने लगा है। इसलिए क्रिएटर इकोनॉमी आज की जरूरत बन गई है।

क्रिएटर्स इकोनॉमी ₹1 लाख करोड़ तक पहुंची

मुख्यमंत्री फडणवीस ने क्रिएटर्स इकोनॉमी के बढ़ते ग्राफ का जिक्र करते हुए कहा कि यह ग्राफ 100 दिनों में 92,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस तेजी से बढ़ते क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण और तकनीकी रूप से सक्षम मानव संसाधन की तत्काल आवश्यकता है। नए दौर में प्रशिक्षण और प्रमाणन दोनों जरूरी हैं। कई लोगों को कौशल होने के बावजूद, प्रमाणन के अभाव में पेशेवर अवसर नहीं मिल पाते। यह समझौता प्रशिक्षण और प्रमाणन दोनों प्रदान करेगा।

फडणवीस ने कहा कि FTII एक ऐसा संस्थान है जो देश और दुनिया को उच्च-गुणवत्ता वाले कलाकार प्रदान करता है, जबकि महाराष्ट्र का फिल्म सिटी व्यावसायिक सिनेमा का आधार है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस क्षेत्र के दो मजबूत पारिस्थितिकी तंत्रों के एक साथ आने से एक तीसरा अधिक रचनात्मक और मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा।

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छोटे गांवों की प्रतिभाएं सामने आएगी

सांस्कृतिक मामलों के मंत्री एडवोकेट आशीष शेलार ने कहा कि FTII की प्रवेश प्रक्रिया राष्ट्रीय स्तर की है। आज के समझौता ज्ञापन से अब महाराष्ट्र के गांवों के छात्र महाराष्ट्र स्तर पर प्रवेश ले सकेंगे। इसलिए, महाराष्ट्र के गांवों और तालुकाओं के बच्चों को अब अपना करियर बनाने के लिए सिनेमा नगरी की ओर रुख करना चाहिए। महाराष्ट्र में गोरेगांव, कोल्हापुर, प्रभादेवी और कर्जत चार जगहों पर इसके केंद्र हैं। इस समझौते से महाराष्ट्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और महाराष्ट्र में फ़िल्मों के लिए लोकप्रिय लोकेशंस को बढ़ावा मिलेगा।

FTII के अध्यक्ष आर. माधवन ने कहा कि छोटे शहरों से बड़ी संख्या में प्रतिभाशाली लोग आगे आ रहे हैं। छोटे गांवों की प्रतिभाएं इतिहास रच रही हैं। पश्चिमी फिल्मों में हमेशा सुपरमैन, बैटमैन और स्पाइडरमैन की कहानियां होती हैं, लेकिन अब हम अपने गांवों और शहरों के इन लोगों की अनोखी कहानियों के माध्यम से सुपर पावर और सॉफ्ट पावर दोनों हासिल कर पाएंगे।

First Published : July 21, 2025 | 8:04 PM IST