महाराष्ट्र

महाराष्ट्र सरकार ने बदली फसल बीमा योजना, अब किसानों को मिलेगा सस्ता और पारदर्शी बीमा कवर

महाराष्ट्र सरकार ने फसल बीमा में अनियमितताओं के बाद नई योजना लागू की, जिससे किसानों को कम प्रीमियम पर बीमा कवर और पारदर्शी मुआवजा प्रक्रिया का लाभ मिलेगा।

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सुशील मिश्र   
Last Updated- July 15, 2025 | 8:08 PM IST

महाराष्ट्र सरकार ने पुरानी फसल बीमा योजना में संशोधन करके नई फसल बीमा योजना लागू की है। पुरानी योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया है। फसल बीमा कंपनियों ने अभी तक 10,000 करोड़ रुपये तक का मुनाफा कमाया है, जबकि किसानों को उम्मीद के मुताबिक फायदा नहीं हुआ है। यह जानकारी कृषि मंत्री एडवोकेट माणिकराव कोकाटे ने विधान परिषद में दी।

फसल बीमा के संबंध में सदस्य रणजीतसिंह मोहिते-पाटिल के प्रश्न और सदाभाऊ खोत ने उप-प्रश्न का जवाब देते हुए महाराष्ट्र के कृषि मंत्री कोकाटे ने स्पष्ट किया कि 2016 से देश में खरीफ मौसम के दौरान फसल बीमा योजना लागू है। हालांकि, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड जैसे राज्यों ने इस योजना को लागू नहीं किया है, जबकि बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों ने इस योजना को बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि झारखंड ने एक रुपये में इस योजना को फिर से शुरू किया है, लेकिन वास्तव में किसानों को मुआवजा नहीं मिला है।

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अब तक, राज्य की फसल बीमा योजना में 50 प्रतिशत ट्रिगर केवल फसल कटाई के प्रयोगों पर आधारित थे। शेष ट्रिगर का उपयोग एनडीआरएफ और एसडीआरएफ तंत्र द्वारा मुआवजे के लिए किया जाता था। हालांकि, यह पाया गया कि कई बीमा कंपनियों और कुछ CSC केंद्रों ने गड़बड़ी की थी। मंत्री कोकाटे ने यह भी बताया कि कंपनियों ने 10,000 करोड़ रुपये तक का मुनाफा कमाया है। उन्होंने एक नई योजना की आवश्यकता का भी समर्थन किया और सवाल उठाया कि अगर सरकार बीमा कंपनियों को इतना पैसा दे रही है , तो इसका इस्तेमाल सीधे किसानों के कृषि में पूंजी निवेश के लिए क्यों नहीं किया जाना चाहिए ?

नई योजना के तहत, किसानों को बेहद कम दर पर बीमा कवर दिया जाएगा। खरीफ के लिए 2 प्रतिशत, रबी के लिए 1.5 प्रतिशत और नई फसलों के लिए 5 प्रतिशत बीमा कवर लिया जाएगा। शेष राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। इस योजना में बीमा कंपनी बदलने के बजाय, नियमों का कड़ाई से पालन और एक पारदर्शी ट्रिगर प्रणाली लागू की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान ट्रिगर को बदलना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की फिलहाल अपनी बीमा कंपनी स्थापित करने की कोई योजना नहीं है।

First Published : July 15, 2025 | 8:08 PM IST