मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल मराठाओं के हक के लिए लगातार सरकार को निशाना बना रहे हैं। वे भाजपा नेताओं, विशेषकर उपमुख्यमंत्री के ऊपर गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सरकार को उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस के खिलाफ मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की विवादास्पद टिप्पणी पर एसआईटी गठित कर व्यापक जांच करने का निर्देश दिया।
जरांगे के बिगड़े बोल का मुद्दा आज विधानसभा में भाजपा विधायकों ने उठाया। भाजपा विधायक आशीष शेलार ने विधानसभा में विवादित बयान का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘हिंसा भड़काने के लिए उकसाने वाली भाषा का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। हम जरांगे की मांगों का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन फडणवीस के खिलाफ उनकी धमकी भरी टिप्पणियों के आलोचक हैं। विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने सरकार को विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर विस्तृत जांच कराने का निर्देश दिया।’
सदन में फडणवीस ने कहा कि उन्हें जरांगे से कोई शिकायत नहीं है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआईटी जांच करेगी कि वह किसकी भाषा बोल रहे हैं। जरांगे ने भले ही मेरे खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाए हों। लेकिन पूरा मराठा समुदाय मेरा समर्थन करता है।
जरांगे की एसआईटी जांच पर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि बीजेपी के विधायक जरांगे के पीछे पड़े हैं, लेकिन देखें कि मनोज जरांगे ने राज्य सरकार पर किस तरह के आरोप लगाए हैं। पहले हमने कहा था कि इस मामले की जरूरत है इसे जल्द से जल्द हल किया जाए क्योंकि इससे महाराष्ट्र की छवि खराब हो रही है ।
एसआईटी गठित किए जाने पर मनोज जरांगे ने कहा, ‘अगर भाजपा सत्ता में लौटना चाहते हैं, तो उन्हें मुझे किसी चीज में फंसाना होगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे मुझे कहां ले जाते हैं, मुझे किसी का समर्थन या वित्तीय समर्थन नहीं है। मेरी जाति मेरी आदर्श है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या जांच की जाएगी, मैं बेदाग रहूंगा।’
जरांगे ने गहन जांच की मांग करते हुए कहा कि उन्हें पिछले साल अंतरवाली सरती गांव में हुई हिंसा की भी जांच करनी चाहिए कि सबसे पहले किसने हमला किया। उन्हें इस बात की जांच करनी चाहिए कि प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आदेश किसने दिया था। अगर वे मुझे जेल में डालना चाहते हैं तो छह करोड़ मराठा मेरे पीछे आएंगे।
उधर महाराष्ट्र विधान परिषद में भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने जरांगे की उपमुख्यमंत्री फडणवीस के खिलाफ आक्रामक टिप्पणियों पर नाराजगी जताई और इसके लिए शरद पवार को दोषी ठहराने की मांग की। विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताई, जिससे सदन में हंगामा हो गया और सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
भाजपा विधायक दरेकर ने राज्य विधानमंडल के उच्च सदन में यह मुद्दा उठाया।
उन्होंने दावा किया कि शरद पवार, जालना विधायक राजेश टोपे और रोहित पवार सहित राकांपा-शरदचंद्र पवार नेताओं ने जरांगे के साथ बैठक की और सुनिश्चित किया कि कार्यकर्ता राज्य में अशांति पैदा करें।