मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा है कि नर्मदा नदी के तटवर्ती नगर-कस्बों और धार्मिक महत्व के स्थानों पर मांस और मदिरा का इस्तेमाल बंद किया जाना चाहिए।
नर्मदा की सफाई के लिए बनी कैबिनेट कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अमरकंटक में नर्मदा के उद्गम से लेकर प्रदेश में जहां-जहां नर्मदा नदी बहती हैं, कहीं भी सीवेज को नर्मदा में नहीं मिलने दिया जाएगा।
पूर्व मंत्री और प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख मुकेश नायक ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘सरकार को कोई भी आदेश जारी करते नीति नियम का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा कोई भी निर्णय जो लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन करता हो, लोगों में घुटन पैदा करेगा और इसका परिणाम सत्ताधारी दल को भुगतन होगा।’
एक अन्य कांग्रेस नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि वह भाजपा की पिच पर बैटिंग नहीं करना चाहते इसलिए कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। इस विषय में कुछ भी कहने पर भाजपा उसे नदी के सम्मान से जोड़ देगी और विवाद उत्पन्न होगा। यही पार्टी की मंशा भी है।
नदी में मशीन से रेत खनन बंद करने के भी निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि अमरकंटक में नर्मदा के उद्गम से कुछ दूरी पर सैटेलाइट सिटी स्थापित करने की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नर्मदा नदी में मशीन से रेत खनन बंद किया जाए।
1312 किलोमीटर लंबी नर्मदा का 1079 किमी हिस्सा मध्य प्रदेश से गुजरता है। इस दौरान वह 21 जिलों, 68 तहसीलों और 1126 घाटों से गुजरती है। यह निर्णय इन सभी जगहों को प्रभावित करेगा।