कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ‘मैड-ओवर-डोनट्स’ आउटलेट के खिलाफ 50 करोड़ रुपये से अधिक के जीएसटी नोटिस पर शुक्रवार को अस्थायी तौर पर रोक लगा दी। यह नोटिस डोनट्स, केक और अन्य बेकरी उत्पादों के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित वर्गीकरण विवाद से जुड़ा हुआ है।
न्यायमूर्ति एसआर कृष्ण कुमार ने मामले की सुनवाई करते हुए सवाल उठाया कि क्या इन उत्पादों को रेस्तरां सेवाओं के तहत वर्गीकृत किया जाना चाहिए (जिन पर रियायती 5 प्रतिशत जीएसटी दर लागू है) या बेकरी सामान के रूप में अलग कर व्यवस्था लागू की जा सकती है। सोमवार को आदेश की एक प्रति अपलोड की गई।
हिमेश फूड्स (मैड ओवर डोनट्स) की ओर से अधिवक्ता अभिषेक ए रस्तोगी ने अदालत को बताया कि डोनट्स और केक जैसे खाद्य उत्पादों की आपूर्ति को सीजीएसटी अधिनियम के तहत सेवाओं की समग्र आपूर्ति माना जाता है। उन्होंने कहा कि रेस्तरां, भोजनालय, कैंटीन और मेस में भोजन की व्यवस्था (चाहे वह परिसर में ही खाया जाए या बाहर ले जाया जाए) रेस्तरां सेवाओं की श्रेणी में आती है और इस पर 5 फीसदी की दर से कम दर से जीएसटी लगाया जाता है।
उन्होंने बंबई उच्च न्यायालय के हाल के अंतरिम आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें उनके तर्क का समर्थन करते हुए कहा गया था कि ऐसी आपूर्ति को जीएसटी कानून के तहत सेवाएं माना जा सकता है।
इन तर्क पर गौर करते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कहा कि चूंकि कर अधिकारियों ने बंबई उच्च न्यायालय के समक्ष वादा किया था कि वर्गीकरण मुद्दे पर विचार करने तक कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसलिए यही बात यहां भी लागू होनी चाहिए। अदालत ने न्यायिक निरंतरता के महत्व पर जोर दिया और सहमति जताई कि मामले के लंबित रहने के दौरान कर्नाटक के जीएसटी अधिकारी कोई भी जल्दबाजी या जबरन कदम नहीं उठाएंगे। मामले की अगली सुनवाई 6 जून को होगी।