LPG Price Cut: केंद्र सरकार ने आमलोगों को महंगाई से राहत देते हुए देश भर में घरेलू रसोई गैस सिलिंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती कर दी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 31.4 करोड़ घरेलू रसोई गैस उपभोक्ता हैं।
कीमतों में कटौती बुधवार से प्रभावी होगी। पिछले छह महीनों में पहली बार कीमतों में बदलाव किया गया है। पिछली बार मार्च में 14.2 किलोग्राम वाले घरेलू रसोई गैस सिलिंडर की कीमतों में 50 रुपये का इजाफा किया गया था। इससे पहले जुलाई 2022 में रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी।
इसके साथ ही अब प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को कुल 400 रुपये की गैस सब्सिडी मिलेगी। उन्हें पहले से 200 रुपये की सब्सिडी मिल रही है।
उदाहरण के लिए दिल्ली के लोगों को अब 14.2 किलो के सिलिंडर के लिए 903 रुपये का भुगतान करना होगा जबकि उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को यह 703 रुपये की दर पर मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा, ‘ यह रक्षाबंधन के पावन मौके पर देश की मेरी करोड़ों बहिनों के लिए एक तोहफा है।
हमारी सरकार हमेशा प्रयास करती है कि आम लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो और गरीबों और मध्यम वर्ग को लाभ हो।’पिछले साल मई में सरकार ने उज्ज्वला योजना के 9 करोड़ लाभार्थियों के लिए 200 रुपये की सब्सिडी की घोषणा की थी। रुपये की लक्षित सब्सिडी की घोषणा की थी। मार्च में इसे एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था। इससे राजस्व पर 7680 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा।
अभी देश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के 9.58 करोड़ लाभार्थी हैं। मंगलवार को सरकार ने घोषणा की कि वह गरीब तबके की 75 लाख और महिलाओं को योजना में शामिल करेगी, जिनके पास घरेलू रसोई गैस का कनेक्शन नहीं है। सरकार ने कहा कि इससे लाभार्थियों की संख्या बढ़कर 10.35 करोड़ हो जाएगी।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत लंबित आवेदनों को निपटाने और सभी पात्र परिवारों को बिना किसी जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन देने के लिए यह कदम उठाया गया है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘रसोई गैस की कीमतों में कटौती का उद्देश्य आमलोगों को राहत प्रदान करना है। साथ ही उचित दरों पर आवश्यक वस्तुओं तक पहुंच सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है।’
पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2022 में रसोई गैस की पहुंच 99.99 फीसदी थी। यह मुख्य रूप से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के कारण थी।
साल 2022 में करीब 90 फीसदी रसोई गैस उपयोग परिवार द्वारा किया गया। जबकि, उद्योग ने 8 फीसदी और वाहनों में 2 फीसदी रसोई गैस का उपयोग किया। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023 में करीब 2.934 करोड़ टन रसोई गैस बेची। इसमें से लगभग 86.5 फीसदी घरेलू क्षेत्र में बेची गई। भारत की रसोई गैस खपत में साल 2014-15 के 14.8 करोड़ से 95 फीसदी की वृद्धि हुई है।