सांकेतिक फोटो
बहुमंजिला भवनों में खरीदारों की घटती रुचि को देखते हुए राजधानी लखनऊ में ढाई दशक बाद फिर से प्लॉटों का पंजीकरण खुलने जा रहा है। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) लंबे समय के बाद लोगों को प्लॉट बेचने जा रहा है। नई आवासीय योजना को हरियाणा के पंचकूला की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
प्राधिकरण राजधानी लखनऊ में मोहान रोड पर 785 एकड़ में ‘अनंत नगर’ के नाम से नई आवासीय योजना की शुरुआत करने जा रहा है। इस योजना में एजुकेशन सिटी भी विकसित की जाएगी। करीब 103 एकड़ में बनने वाला यह प्रदेश का सबसे बड़ा शैक्षिक हब होगा, जहां प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के संस्थान खोले जा सकेंगे। योजना के तहत 1.20 लाख लोगों को आशियाना देने की योजना है, जिनमें बड़ी संख्या में प्लॉट शामिल होंगे।
विकास प्राधिकरण की अनंत नगर योजना में पंजीकरण की शुरुआत शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। योजना के तहत प्लॉटों की लागत ₹4,100 प्रति वर्ग फुट तक हो सकती है, जबकि कमर्शियल प्लॉटों की कीमत ₹7,000 प्रति वर्ग फुट रखी जा सकती है। लखनऊ विकास प्राधिकरण इस योजना के जरिए ₹10,000 करोड़ की संपत्तियों की बिक्री करेगा।
कई कैटेगरी में मिलेंगे प्लॉट और फ्लैट
विकास प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक, अनंत नगर में 2,485 आवासीय प्लॉट और 18,237 फ्लैट बनाए जाएंगे। जहां आवासीय प्लॉट सभी श्रेणियों के लिए होंगे, वहीं ग्रुप हाउसिंग के तहत 2,442 फ्लैट दुर्बल आय वर्ग (EWS) के लिए और 2,282 फ्लैट अल्प आय वर्ग (LIG) के लिए बनाए जाएंगे।
खेल और सुविधाओं से भरपूर होगा अनंत नगर
अनंत नगर में स्पोर्ट्स पार्क भी बनाया जाएगा, जहां बेसबॉल, बास्केटबॉल, रोइंग, शतरंज और रोल बॉल जैसे कई खेलों की सुविधाएं होंगी। इस आवासीय योजना के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने मोहान रोड पर प्यारेपुर और कालिया खेड़ा में जमीन अधिग्रहीत की है। पूरी योजना को आठ खंडों में विभाजित किया जाएगा, जहां बरात घर, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और वेंडिंग ज़ोन विकसित किए जाएंगे।
बेहतर कनेक्टिविटी और दूसरी योजनाएं
प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि अनंत नगर योजना में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए इसे किसान पथ से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, इस साल ही प्राधिकरण सीतापुर रोड पर IIM के पास ‘प्रबंध नगर’ आवासीय योजना की शुरुआत करेगा। इस योजना की रूपरेखा एक दशक पहले तैयार की गई थी, लेकिन जमीन अधिग्रहण की दिक्कतों के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका। अब, प्राधिकरण ने जमीन विवादों का समाधान करते हुए इसे फिर से अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है।