चुनावों के दौरान हर राजनीतिक दल के लिए धन बल का महत्त्व बढ़ता जा रहा है। सभी पार्टियां कम पैसे वाले नेता पर दांव लगाने से बचती हैं। इसका स्पष्ट उदाहरण जम्मू-कश्मीर में हो रहे विधान सभा में देखा जा सकता है जहां चुनाव लड़ने वाले 873 प्रत्याशियों में लगभग सभी करोड़पति हैं। इनके पास औसत संपत्ति 3.65 करोड़ रुपये है। वर्ष 2014 के विधान सभा चुनाव में कुल प्रत्याशियों की संख्या 831 थी और उनकी औसत संपत्ति 1.93 करोड़ रुपये थी।
भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में 62 उम्मीदवार खड़े किए हैं। इनकी औसत संपत्ति 9.13 करोड़ रुपये बताई गई है। जम्मू-कश्मीर नैशनल कॉन्फ्रेंस ने 56 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे हैं, जिनकी औसत संपत्ति 8.26 करोड़ रुपये है। इसी प्रकार कांग्रेस के 39 उम्मीदवारों के पास 8.08 करोड़ रुपये की औसत संपत्ति है। पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने सबसे ज्यादा 80 प्रत्याशी खड़े किए हैं और इनकी औसत संपत्ति 5.27 करोड़ रुपये आंकी गई है।
इस चुनाव में शीर्ष तीन उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा संपत्ति (165 करोड़ रुपये) जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के चन्नापोरा से खड़े सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी के पास है। इसके बाद कांग्रेस के शलतेंग से उम्मीदवार तारिक हमीद कर्रा का नंबर आता है, जिन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में अपने पास 148 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई है। इनके बाद भाजपा के नगरोटा से उम्मीदवार देवेंद्र सिंह राणा के पास 126 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
यही नहीं, पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार आपराधिक छवि के उम्मीदवारों की संख्या भी बढ़ गई है। इस चुनाव में खड़े कुल उम्मीदवारों में से 152 यानी 17 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों का खुलासा भी किया है। वर्ष 2014 के चुनाव में केवल 6 प्रतिशत उम्मीदवार ही आपराधिक छवि वाले थे।
पूरे राज्य में विधान सभा चुनाव लड़ रहे 873 उम्मीदवारों में केवल 43 (कुल 5 प्रतिशत) ही महिलाएं हैं। पिछले चुनाव में 29 महिलाएं (3.48 प्रतिशत) चुनावी मैदान में उतरी थीं।