भारत में लोग सामाजिक मेलजोल सामुदायिक गतिविधियों में कम भागीदारी करने में वक्त बिता रहे हैं और वर्ष 2024 में उनका अधिकांश वक्त मनोरंजन और मीडिया में बीता है। पिछले हफ्ते जारी हुए नए समय उपयोग सर्वेक्षण (टीयूएस) के नतीजों और 2019 के सर्वेक्षण के नतीजों की तुलना से यह अंदाजा मिला कि 2024 में लोग कम सामाजिक गतिविधियों में शामिल हुए।
लोगों ने सामाजिक मेलजोल, सामुदायिक भागीदारी और धार्मिक गतिविधियों के लिए दिए जाने वक्त में रोजाना 5 मिनट कम कर दिए हैं जो 2024 में अब 125 मिनट हो गया है। वहीं संस्कृति, अवकाश, मीडिया और खेल में प्रतिदिन 16 मिनट की बढ़ोतरी हुई और यह समान अवधि के दौरान 159 मिनट हो गया।
यह रुझान शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों और इन क्षेत्रों की महिलाएं और पुरुष दोनों में ही देखा गया।
सर्वेक्षण की तुलना से अंदाजा मिलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक मेलजोल और सामुदायिक भागीदारी में बिताया जाने वाला समय 2019 के 132 मिनट से घटकर 128 मिनट हो गया है वहीं शहरी क्षेत्रों में समान अवधि के दौरान यह 126 मिनट से घटकर 119 मिनट हो गया है। दूसरी ओर मनोरंजन और मीडिया के लिए एक दिन में दिया गया वक्त ग्रामीण क्षेत्रों के 135 मिनट से बढ़कर 151 मिनट हो गया जबकि शहरी क्षेत्रों में भी यह 162 मिनट से बढ़कर 176 मिनट हो गया।
सर्वेक्षण में सामाजिक मेलजोल वाली गतिविधियों की श्रेणी में बातचीत, संवाद, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आयोजनों से जुड़े सामुदायिक उत्सवों में भाग लेना, शादी-ब्याह और नागरिक जिम्मेदारियां शामिल है।
सर्वेक्षण के मुताबिक ‘संस्कृति, मनोरंजन, मीडिया और खेल से जुड़ी गतिविधियों’ की श्रेणी में टेलीविजन और वीडियो देखना/सुनना, रेडियो और ऑडियो उपकरणों को सुनना, खेल की भागीदारी, व्यवयाम, सांस्कृतिक, मनोरंजन और खेल के इवेंट में शामिल होना आदि है।
महिला-पुरुषों के आधार पर विश्लेषण करने से अंदाजा मिलता है कि पुरुषों में सामाजिक मेलजोल और सामुदायिक भागीदारी में रोजाना की नियमित दिनचर्या में 10 मिनट कम किए हैं जो 124 मिनट है, वहीं महिलाओं ने सामाजिक भागीदारी के समय में केवल एक मिनट (126 मिनट) की कमी की है। जबकि अवकाश के वक्त और मीडिया के इस्तेमाल में पुरुषों ने अपनी रोजमर्रा की नियमित दिनचर्या में से 23 मिनट (169 मिनट) बढ़ाए हैं जबकि महिलाओं ने मीडिया और अवकाश के वक्त के लिए अपनी नियमित दिनचर्या में केवल 7 मिनट (148 मिनट) जोड़े हैं।
दिन में सामाजिक और सामुदायिक गतिविधियों में भाग लेने वाले लोगों के अनुपात में, पुरुष, महिलाओं की तुलना में अधिक ‘कम सामाजिक’ दिख रहे हैं। 2019 के 91.4 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 2024 में केवल 89.8 प्रतिशत पुरुषों ने सामाजिक कार्यक्रमों, सामुदायिक आयोजनों और धार्मिक गतिविधियों में भाग लिया। इसी अवधि में महिलाओं की भागीदारी 91.3 प्रतिशत से घटकर केवल 90.7 प्रतिशत हुई।