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भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के करीब, ट्रंप ने जवाबी टैरिफ की लिस्ट से भारत को रखा बाहर

भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय मिल गया है।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- July 08, 2025 | 10:51 PM IST

अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने आज कहा कि वह भारत के साथ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के करीब हैं। मगर उन्होंने प्रस्तावित समझौते के बारे में कोई खास तारीख या विवरण नहीं दिया। ट्रंप का यह बयान उनके द्वारा 14 व्यापारिक भागीदार देशों को औपचारिक पत्र भेजने के तुरंत बाद आया है। इसमें 1 अगस्त से 25 से लेकर 40 फीसदी तक जवाबी शुल्क लगाने की चेतावनी दी गई है। हालांकि ऐसा करते हुए उन्होंने बातचीत की गुंजाइश भी बनाए रखी है। अच्छी बात यह है कि 14 देशों की इस सूची से भारत को बाहर रखा गया है।

इस बीच अमेरिकी प्रशासन ने उच्च शुल्क के निलंबन को 9 जुलाई से बढ़ाकर 1 अगस्त कर दिया है। इससे भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए तीन सप्ताह का अतिरिक्त समय मिल गया है। जिन देशों को पत्र भेजे गए हैं उनमें बांग्लादेश, बोस्निया एवं हर्जेगोविना, कंबोडिया, इंडोनेशिया, जापान, कजाकिस्तान, लाओ पीपल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, मलेशिया, सर्बिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया शामिल हैं।

देर शाम ट्रंप ने कहा कि और देशों को इस तरह के पत्र भेजे जाएंगे और जवाबी शुल्क में छूट 1 अगस्त से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। ट्रंप ने व्हाइटहाउस में कहा, ‘हमने ब्रिटेन के साथ समझौता किया है, चीन के साथ भी समझौता किया है… हम भारत के साथ समझौता करने के करीब हैं।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘हमने अन्य लोगों से भी मुलाकात की थी और हमें नहीं लगता कि हम समझौता कर पाएंगे, लिहाजा हमने उन्हें एक पत्र भेजा गया है। यदि आप अपना सामान अमेरिका भेजना चाहते हैं तो आपको शुल्क का भुगतान करना होगा।’

ट्रंप दूसरे देशों पर अमेरिकी के साथ व्यापार समझौते करके शुल्क बाधाओं को कम करने का दबाव बढ़ा रहे हैं। इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने 2 अप्रैल को भारत सहित देशों पर जवाबी शुल्क की घोषणा की थी, जिसमें भारत पर 26 फीसदी शुल्क लगाया गया था। बाद में 10 फीसदी बुनियादी शुल्क बरकरार रखते हुए जवाबी शुल्क पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी थी।

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि भारत और अमेरिकी के वार्ताकारों ने पिछले सप्ताह एक अंतरिम सौदे के लिए अपने प्रस्तावों का आदान-प्रदान किया है। भारत अब प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति से हरी झंडी का इंतजार कर रहा है। यदि कोई सौदा नहीं हो पाता है तो वार्ताकारों के पास सौदा करने के लिए तीन सप्ताह से अधिक का समय है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘अब यह राष्ट्रपति ट्रंप पर निर्भर है कि वह (अंतरिम सौदे के संबंध में) आकलन करें, स्वीकार करें और कोई घोषणा करें।’

अपने प्रस्ताव में भारत ने अमेरिकी दबाव के बावजूद अब तक राजनीतिक रूप से संवेदनशील कृषि क्षेत्र से कई वस्तुओं को सौदे में शामिल करने से परहेज किया है।  इस बीच कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संवाददाताओं से कहा कि कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और सरकार दुनिया के किसी भी देश के साथ व्यापार समझौते में भारतीय किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं करेगी।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि शुल्क में वृद्धि से व्यापार प्रवाह बाधित होने, अमेरिका में उपभोक्ता कीमतें बढ़ने और विश्व स्तर पर व्यापक आपूर्ति श्रृंखला जटिलताएं पैदा होने की आशंका है।

(साथ में संजीव मुखर्जी)

First Published : July 8, 2025 | 10:21 PM IST