प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गुरुवार को जयपुर में रक्षा संबंधों, परमाणु सहयोग के साथ-साथ फ्रांस में भारतीय छात्रों की सुविधाओं को लेकर चर्चा करेंगे।
फ्रांस के उच्चायोग ने बुधवार को कहा कि दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच द्विपक्षीय बातचीत से महत्वाकांक्षी रणनीतिक साझेदारी मजबूत होगी, जिसकी घोषणा पिछले साल जुलाई में मोदी की पेरिस यात्रा के दौरान होरिजन 2047 रोडमैप के तहत की गई थी।
नई दिल्ली में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि मैक्रों के साथ मंत्री स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आ रहा है। प्रतिनिधिमंडल में फ्रांस के विदेश मंत्री स्टीफन सिजोर्न, रक्षा मंत्री सेबेश्चियन लेकोर्नू और संस्कृति मंत्री रचिदा दाती शामिल हैं। फ्रांस के उद्योगपतियों का दल भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होगा।
इसके अलावा फ्रांस की प्रमुख हस्तियां जैसे यूरोपियन स्पेस एजेंसी एस्ट्रोनॉट थॉमस पेसकिट भी भारत आ सकते हैं। भारत फ्रांस सामरिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में जारी रोडमैप में दोनों देशों के बीच संबंधों को अगले 25 वर्षों तक आगे बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया गया है। उच्चायोग ने कहा कि दोनों नेता रोडमैप के तीन स्तंभों के तहत हुई साझेदारी की समीक्षा करेंगे और कुछ नई घोषणाएं करेंगे।
द्विपक्षीय संबंधों के रोडमैप के तीन स्तंभों में रक्षा, जलवायु परिवर्तन, विकास और नागरिकों से नागरिकों के संपर्क जैसे मुद्दों पर फोकस किया गया है। फ्रांस विशेष रूप से भारतीय छात्रों को लेकर चर्चा करने के लिए गंभीर है। अनुमान के मुताबिक वर्ष 2030 तक 30,000 भारतीय छात्र फ्रांस पढ़ाई करने जा सकते हैं।
फ्रांस ऐसे भारतीय छात्रों को पांच साल के लिए शेनजेन वीजा देने की बात कह रहा है, जिनके पास मास्टर डिग्री है अथवा उन्होंने कम से कम एक सेमेस्टर की पढ़ाई फ्रांस में रहकर की है। फ्रांस ने 2023 के पहले सेमेस्टर में 4000 भारतीय छात्रों को वीजा दिया था।
रक्षा औद्योगिक रोडमैप
अधिकारियों ने हाल ही में बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया था कि इस यात्रा के दौरान दोनों देशों द्वारा एक औपचारिक रक्षा औद्योगिक रोडमैप अपनाया जा सकता है।
बीते एक साल से विचार-विमर्श के दौर से गुजर रहे रोडमैप के जरिए भारतीय रक्षा उत्पादकों को यूरोपियन प्रौद्योगिकी और फ्रांस के एशिया-प्रशांत और इससे इतर ग्राहकों की सूची तक पहुंच सुनिश्चित कर उन्हें वैश्विक लीग में शामिल करने में मदद मिलेगी।
लंबे समय से रूस से हथियार खरीदता रहा भारत अब फ्रांस और इजरायल जेसे देशों की ओर मुड़ा है, ताकि अपने बेड़े में औरआधुनिक हथियार जोड़ सके। भारत ने बहुद्देश्यीय युद्धक विमान राफेल खरीदने के लिए 2016 में फ्रांस की कंपनी को ऑर्डर दिया था। ऑर्डर के तहत 36 राफेल जुलाई 2020 से अप्रैल 2022 के बीच भारत आ चुके हैं।
परमाणु सहयोग
दोनों देशों के बीच बढ़ती नागरिक परमाणु साझेदारी पर भी चर्चा हो सकती है। रायटर्स ने बुधवार को खबर दी है कि इलेक्ट्रीसाइट डी फ्रांस एसए (ईडीएफ) और भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के बीच प्रौद्योगिकी के लिए प्राथमिक समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
ईडीएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लक रिमोंट भी मैक्रों के साथ भारत आ रहे हैं। दोनों देश बीते साल जुलाई महीने में जैतापुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना के लिए बातचीत की प्रक्रिया तेज करने पर सहमत हुए। मैक्रों की यह तीसरी भारत यात्रा है। इससे पहले वह जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आ चुके हैं।