साल 2025 की पहली तिमाही में भले ही वैश्विक सौदों में 6 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है, लेकिन भारत और जापान आकर्षक बाजार के तौर पर उभरे हैं, जो उठापटक भरे बाजारों में निवेशकों को उम्मीद प्रदान करते हैं। ग्लोबल डेटा रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर में विलय एवं अधिग्रहण, निजी इक्विटी और वेंचर फाइनैंसिंग सौदों में एक साल पहले के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई है। इसका प्रमुख कारण आर्थिक अनिश्चितता और पूंजी प्रवाह में कमी है। साल 2025 की पहली तिमाही के दौरान विलय-अधिग्रहण सौदों की मात्रा में 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
इसी अवधि के दौरान निजी इक्विटी सौदों में 2 फीसदी और वेंचर फाइनैंसिंग में 8 फीसदी की गिरावट आई है। इस नरमी के बीच भारत और जापान अलग खड़े दिखे। भारत में सौदों की मात्रा में 14.2 फीसदी और सौदों के मूल्य में 10.58 फीसदी की वृद्धि हुई है। वहीं, जापान ने दमदार प्रदर्शन किया है। वहां सौदों की मात्रा में 26.9 फीसदी और मूल्य में 54.5 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।