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Hurun Global Rich List: Adani को हर हफ्ते 3 हजार करोड़ का घाटा

M3M हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट जारी, अदाणी की संपत्ति का अनुमान 53 अरब डॉलर पहुंचा

Published by   पुनीत वाधवा
- 22/03/2023 11:13 PM IST

इस साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आई। इसमें आरोप लगाया गया था कि अदाणी समूह ने शेयरों में खुलकर हेराफेरी की है, खातों में धोखाधड़ी की है, बेहद कम कर वाले देशों का अनुचित फायदा उठाया है और समूह पर कर्ज बहुत अधिक है।

M3M हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में बताया गया कि इसके बाद गौतम अदाणी की संपत्ति में 28 अरब डॉलर का सफाया हो गया या दूसरे शब्दों में कहें तो 2022-23 में हर हफ्ते उनके 3,000 करोड़ रुपये साफ होते रहे।

इसका नतीजा यह हुआ कि अदाणी और उनके परिवार से दूसरे सबसे अमीर एशियाई का खिताब छिन गया। मिश्र धातु और इस्पात के बेचने वाली रूसी कंपनी वाईएसटी के झोंग शनशन अब एशिया में दूसरे सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। हुरुन रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अदाणी और परिवार की संपत्ति अब 53 अरब डॉलर ही रह गई है।

अदाणी कुछ समय के लिए दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स भी बन गए थे। मगर उसके फौरन बाद हिंडनबर्ग रिपोर्ट आ गई और उनकी 60 फीसदी से अधिक संपत्ति साफ हो गई। भारत से लेकर विदेश तक बंदरगाह और हवाई अड्डों, बिजली, गैस, बुनियादी ढांचे, मीडिया, सीमेंट, हरित ऊर्जा और खाद्य तेल तक में अदाणी समूह का अच्छा खासा कारोबार है।

24 जनवरी को जब हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से अदाणी समूह की सभी सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण करीब 7.11 लाख करोड़ रुपये घट गया है। उस दिन 3,443 रुपये पर चल रहा अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर कुछ दिन के भीतर ही गिरकर 900 रुपये के आसपास रह गया। हालांकि अब यह थोड़ा सुधरकर 1,824 रुपये के भाव पर चल रहा है।

इस बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के मुकेश अंबानी को भी झटका लगा और उनकी संपत्ति 20 फीसदी घटकर 82 अरब डॉलर रह गई। मगर रिपोर्ट के मुताबिक लगातार तीसरे साल वह सबसे धनी एशियाई बने हुए हैं।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर हाल ही लुढ़ककर 2,180 रुपये पर रह गया, जो पिछले 52 हफ्ते में इसका सबसे कम भाव है। सेंसेक्स में शामिल सभी शेयरों में इसका प्रदर्शन कैलेंडर वर्ष 2023 में सबसे खराब रहा है। इस दौरान रिलायंस के शेयरों में 11 फीसदी की गिरावट में दर्ज की गई, जबकि सेंसेक्स में सिर्फ 5 फीसदी गिरावट आई।

विश्लेषकों को लगता है कि शेयर में गिरावट का कारण समूचे बाजारों में आई गिरावट और जोखिम से दूर रहने की निवेशकों की धारणा रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 की M3M हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के उलट इस बार भारत उन तीन देशों में शामिल रहा, जिनमें संपत्ति सबसे अधिक घटी। चीन में 178 और अमेरिका में 123 अरबपतियों की संपत्ति में इस साल 1 अरब डॉलर से ज्यादा कमी आई। भारत में ऐसे अरबपतियों की संख्या 41 रही।

आसमान पर छाप

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत विमानन क्षेत्र में दुनिया के सबसे अमीर अरबपतियों का भी घर है। 3.6 अरब डॉलर संपत्ति के साथ राकेश गंगवाल और 3.3 अरब डॉलर के साथ राहुल भाटिया तथा और इंडिगो एयरलाइंस (इंटरग्लोब एविएशन) का परिवार सबसे धनी विमानन अरबपति हैं।
पिछले तीन वर्षों में 1,005 पायदान चढ़ने वाले बैजू रवींद्रन और उनका परिवार 3.3 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ अमीरों की सूची में 994वें स्थान पर पहुंच गया है। बैजू शिक्षा क्षेत्र में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर उद्यमी हैं।

बात दुनिया की

संपत्ति में गिरावट ने केवल भारत के अरबपतियों को परेशान नहीं किया। 2023 में दुनिया भर में अरबपतियों की संख्या गिरकर 3,112 रह गई, जो साल भर पहले 3,384 थी। हुरुन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद अरबपतियों की संपत्ति में तेज गिरावट की कई वजहें गिनाते हैं, जिनमें बढ़ती महंगाई, केंद्रीय बैंकों द्वारा दर बढ़ोतरी और डॉलर में मजबूती शामिल हैं।

अरबपतियों में सबसे ज्यादा नुकसान एमेजॉन के जेफ बेजॉस को हुआ, जिनकी संपत्ति 2023 में 70 अरब डॉलर घटकर 118 अरब डॉलर रह गई। इसके बाद टेस्ला के ईलॉन मस्क रहे, जिनकी संपत्ति 48 अरब डॉलर गिरकर 157 अरब डॉलर रह गई।

जुनैद कहते हैं, ‘रूस-यूक्रेन युद्ध, चीन में घटनाक्रम, बढ़ती महंगाई और वैश्विक केंद्रीय बैंकों की प्रतिक्रिया तथा रकम बिल्कुल नहीं जुटने जैसे कारणों से धारणा प्रभावित हुई। इन सबका असर शेयर बाजार पर पड़ा, जिससे प्रवर्तकों को नुकसान झेलना पड़ा।

अमेरिका में शीर्ष 4 अरबपतियों (जेफ बेजॉस, लैरी पेज, सर्गेई ब्रिन और ईलॉन मस्क) की संपत्ति में 2022-23 के दौरान कुल 200 अरब डॉलर की सेंध लग गई। यह आंकड़ा इस दौरान भारत के सभी अरबपतियों की संपत्ति में आई कुल कमी से ज्यादा है।’