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GST सुधार से अर्थव्यवस्था को लाभ, तंबाकू और सिगरेट जैसी अहितकर वस्तुओं पर 40% से ज्यादा टैक्स: CBIC

अग्रवाल ने कहा कि अहितकर वस्तुओं पर शुल्क कम नहीं होगा। संविधान के अनुसार अहितकर वस्तुओं पर कुछ अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है।

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मोनिका यादव   
असित रंजन मिश्र   
Last Updated- September 04, 2025 | 11:00 PM IST

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बाचतीत में कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधार अर्थव्यवस्था के ज्यादातर क्षेत्रों के लिए सौगात लेकर आया है मगर सिगरेट और गुटखा विनिर्माताओं के लिए अच्छी खबर नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार क्षतिपूर्ति उपकर के समूचे ऋण का भुगतान करने के बाद भी इन अहितकर वस्तुओं पर 40 फीसदी कर के साथ ही अतिरिक्त शुल्क भी लगाएगी।

अग्रवाल ने कहा, ‘अहितकर वस्तुओं पर शुल्क कम नहीं होगा। संविधान के अनुसार अहितकर वस्तुओं पर कुछ अतिरिक्त शुल्क लगाया जा सकता है। संविधान द्वारा जो भी राजकोषीय या कर व्यवस्था प्रदान की गई है उसके अंतर्गत ही शुल्क लगाया जाएगा।’ वर्तमान में सिगरेट, गुटखा, तंबाकू जैसे अहितकर वस्तुओं पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी के साथ ही क्षतिपूर्ति उपकर भी वसूला जाता है। उदाहरण के लिए क्षतिपूर्ति उपकर को मिलाकर सिगरेट पर कुल शुल्क खुदरा मूल्य का लगभग 50 से 60 फीसदी होता है।

यह पूछे जाने पर कि क्या यह अतिरिक्त शुल्क राज्यों के साथ साझा किया जाएगा, अग्रवाल ने कहा कि वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, ‘क्षतिपूर्ति उपकर भी एक उपकर ही था। आप अपना निष्कर्ष खुद निकाल सकते हैं। ऐसा कोई निश्चित नियम नहीं है कि उपकर साझा नहीं किया जा सकता है।’

जीएसटी परिषद द्वारा बुधवार को अप्रत्यक्ष कर सुधारों को मंजूरी दिए जाने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि संशोधित जीएसटी दरें 22 सितंबर से लागू होंगी, सिवाय तंबाकू और तंबाकू से संबंधित उत्पादों के। इन उत्पादों पर 28 फीसदी जीएसटी के साथ मौजूदा मुआवजा उपकर तब तक जारी रहेगा जब तक कि उपकर के लिए ऋण और ब्याज पूरी तरह से चुका नहीं दिया जाता।

उन्होंने आगे कहा, ‘कर्ज और ब्याज चुकाने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री और जीएसटी परिषद के चेयरमैन तंबाकू उत्पादों के लिए कर संशोधन लागू करने की वास्तविक तिथि तय कर सकते हैं।’ हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि लक्जरी कारों, एरेटेड पेय आदि वस्तुओं पर केवल 40 फीसदी की दर से कर लगाया जाएगा या अतिरिक्त शुल्क भी लागू होगा।

अग्रवाल ने कहा कि प्रीमियम कारों पर अतिरिक्त कर लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इन पर वर्तमान में जीएसटी और क्षतिपूर्ति उपकर मिलाकर 40 फीसदी से अधिक कर लगता है। कर पुनर्गठन के बाद एसयूवी पर प्रभावी रूप से कर 50 फीसदी से घटकर 40 फीसदी रह गया है।

सीबीआईसी के चेयरमैन ने कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर के वास्ते लिए गए ऋण अदायगी पहले अक्टूबर के अंत तक होने का अनुमान था मगर अब ऐसा दिसंबर अंत तक किया जाएगा। अग्रवाल ने कहा, ‘कोयला, एरेटेड पेय और वाहन जैसी अधिकांश वस्तुओं पर क्षतिपूर्ति उपकर हटा दिया गया है तो कर्ज अदायगी के लिए रकम जुटाने में थोड़ा अ​धिक समय लगेगा। पहले अनुमान था कि यह अक्टूबर तक एकत्र किया जाएगा लेकिन अब मुझे लगता है कि इसमें थोड़ा अधिक समय लगेगा, शायद इस साल के अंत तक। लेकिन यह केवल एक अनुमान है।’

First Published : September 4, 2025 | 10:54 PM IST