हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण के लिए केंद्र सरकार की पहली निविदा के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज, एलऐंडटी, अदाणी न्यू एनर्जी, जेएसडब्ल्यू एनर्जी जैसी तकरीबन एक दर्जन कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। एसईसीआई द्वारा ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजिशन (साइट) कार्यक्रम के लिए प्रमुख ‘स्ट्रैटेजिक इंटरवेंशंस’ के तहत निविदाएं जारी की गई थीं। इसका उद्देश्य ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर (हाइड्रोजन उत्पादन के लिए प्रमुख घटक) की स्थापना करना है।
हरित हाइड्रोजन के उत्पादन वाली निविदा के लिए 10 कंपनियों से तकनीकी बोलियां प्राप्त हुईं। इनमें आरआईएल, सरकार के स्वामित्व वाली भारत हेवी इंडस्ट्रीज लिमिटेड (बीएचईएल), टॉरंट पावर, ग्रीनको जीरो सी, जेएसडब्ल्यू नियो एनर्जी, सेम्बकॉर्प ग्रीन एच2 आदि शामिल हैं। ये कंपनियां अपनी इकाई में जितनी हरित हाइड्रोजन का निर्माण करना चाहती हैं, उसके लिए उन्होंने राशि जमा कर दी है। निविदा के दूसरे दौर में ये बोलीदाता वह प्रोत्साहन राशि जमा करेंगी, जो साइट कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए आवंटन से चाहिए।
इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण के समर्थन के लिए जो अन्य निविदा है, उसे आठ कंपनियों से तकनीकी बोलियां प्राप्त हुई हैं। इनमें आरआईएल, एलऐंडटी इलेक्ट्रोलाइजर, अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज, मैट्रिक्स गैस (जेनसोल द्वारा प्रवर्तित), न्यू टेक प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। बोली के इस दौर में इन कंपनियों ने हरित ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में अपने क्षमता पेश की है। दूसरे दौर में वे सरकार से जरूरी वित्तीय प्रोत्साहन जमा करेंगी।
एसईसीआई की निविदाओं में भाग लेने वाली ज्यादातर कंपनियां पहले ही हरित हाइड्रोजन कारोबार के लिए योजनाएं तैयार कर चुकी हैं और इस निविदा को शुरुआती योजना के रूप में उपयोग करेंगी। कई कंपनियों का ध्यान हरित हाइड्रोजन के संबंध में आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण पर है।
मसलन अदाणी एंटरप्राइजेज ने सौर मॉड्यूल का उत्पादन शुरू कर दिया है, जो उसकी बड़ी हरित हाइड्रोजन मूल्य श्रृंखला योजनाओं का हिस्सा है। इसमें एक इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण इकाई भी शामिल है। जेएसडब्ल्यू एनर्जी के मामले में यह हरित हाइड्रोजन योजना उसकी समूह कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील की हरित ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए है।
अदाणी ने बाद के चरण में अपनी शहरी गैस वितरण आपूर्ति तहत हरित हाइड्रोजन मिश्रित करने और अपने मुंद्रा बिजली संयंत्र को आंशिक रूप से बिजली देने के लिए हरित अमोनिया का उपयोग करने की भी योजना व्यक्त की है। विनिर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एलऐंडटी दोतरफा दृष्टिकोण के साथ हरित हाइड्रोजन की ओर बढ़ रही है – अपनी हजीरा इकाई से अकेले इलेक्ट्रोलाइजर बनाने की योजना पर काम करना और हरित हाइड्रोजन निर्माण के लिए आईओसी और रिन्यू के साथ साझेदारी करना।
तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र तक में कार्यरत समूह आरआईएल के पास इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण और हरित हाइड्रोजन उत्पादन दोनों की योजना है। वित्त वर्ष 23 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कंपनी ने कहा है कि लागत और प्रदर्शन लक्ष्य साबित करने के बाद कंपनी का लक्ष्य साल 2025 तक ग्रे से ग्रीन हाइड्रोजन की दिशा में बढ़ने की शुरुआत करना है।
कई कंपनियों ने सार्वजनिक रूप से अपनी हाइड्रोजन विनिर्माण योजनाओं की भी घोषणा की है। हालांकि देश में इलेक्ट्रोलाइजर विनिर्माण अब भी शुरुआती स्तर पर है और अधिकांश हाइड्रोजन निर्माता इलेक्ट्रोलाइजर हासिल करने के लिए आयात पर निर्भर हैं। इलेक्ट्रोलाइजर हाइड्रोजन निर्माण में एक प्रमुख घटक होता है, जिसका उपयोग पानी के अणु को विभाजित करने और हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए किया जाता है।