भारत कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए 2035 तक प्रमुख बंदरगाहों पर हरित हाइड्रोजन के बंकर बनाएगा और इस ईंधन के भरने की सुविधा मुहैया करवाएगा। यह निर्देश जहाजरानी मंत्रालय ने बुधवार को जारी किया।
भारत ग्रीनहाउस गैसों के सबसे ज्यादा उत्सर्जक देशों में से एक है। भारत का लक्ष्य 2070 तक उत्सर्जन कम करके नेट जीरो को प्राप्त करना है। जहाजरानी मंत्री ने बताया कि शुरुआत में तीन बंदरगाहों पर हाइड्रोजन के संचयन के लिए बंकर की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। ज
हाजरानी मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने रॉयटर्स को बताया, ‘हमारा लक्ष्य 2035 तक सभी प्रमुख 12 बंदरगाहों पर हरित हाइड्रोजन के लिए बंकर की सुविधा मुहैया करवाना है।’ शुरुआती दौर में पूर्व के पारादीप, पश्चिम के कांडला और दक्षिण के तूतीकोरिन पर यह सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।
सोनोवाल ने बताया, ‘इन बंदरगाहों को हरित बंदरगाह बनाने के लिए धन मुहैया करवाना विचाराधीन है।’ भारत की तटीय रेखा की लंबाई 7500 किलोमीटर (4,660 मील) है। भारत की तटीय रेखा पर 12 प्रमुख बंदरगाहों के अलावा 200 से अधिक बंदरगाह हैं। इन बंदरगाहों से भारत का 95 फीसदी कारोबार होता है और इस कारोबार का मूल्य 65 फीसदी होता है।