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शुल्क की आशंका के बीच गोयल का अमेरिकी दौरा, ट्रंप प्रशासन के कई अधिकारियों से करेंगे मुलाकात

गोयल रविवार की रात को अमेरिका की यात्रा पर निकल गए हैं। इस मामले के जानकार दो लोगों के मुताबिक वे 4-6 मार्च को प्रमुख अधिकारियों से भेंट करेंगे।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- March 02, 2025 | 10:02 PM IST

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल वाशिंगटन में अमेरिका के व्यापार प्रतिनि​धि (यूएसटीआर) जैमिसन ग्रीर से मुलाकात करने जा रहे हैं। इस एजेंसी के नेतृत्व में ही कई देशों पर बराबरी का शुल्क (रेसिप्रोकल टैरिफ) लागू किया जा रहा है। यूएसटीआर जैमिसन ग्रीर की नियुक्ति कुछ दिनों पहले ही हुई है। 

ग्रीर के अलावा गोयल अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के कई अन्य प्रमुख अधिकारियों से भी मुलाकात कर सकते हैं। वह अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक से भी भेंट कर सकते हैं। 

गोयल रविवार की रात को अमेरिका की यात्रा पर निकल गए हैं। इस मामले के जानकार दो लोगों के मुताबिक वे 4-6 मार्च को प्रमुख अधिकारियों से भेंट करेंगे। गोयल के साथ वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी साथ होंगे और इसमें मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल भी शामिल होंगे। 

भारत और अमेरिका ने अगले सात से आठ महीने में परस्पर लाभ के द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर हस्ताक्षर करने की इच्छा जताई है इसकी वजह से यह बैठक महत्त्वपूर्ण हो गई है। इस वजह से भारत बराबरी का शुल्क लगाए जाने से छूट की मांग कर सकता है। इसका कारण यह है कि दोनों ही देशों को व्यापार समझौते से व्यापक बाजार पहुंच का लाभ मिलेगा। 

ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों से यह गोयल का पहला परस्पर संवाद होगा। यह ऐसे समय में हो रहा है जब बराबरी के शुल्क की तैयारी से भारत के विदेश व्यापार पर खतरा मंडरा रहा है। भारत और अमेरिका का द्विपक्षीय वस्तु व्यापार वित्त वर्ष 24 में करीब 120 अरब डॉलर था। यह यात्रा नई अमेरिकी सरकार की व्यापार नीति में बदलाव के बारे में स्पष्टता प्राप्त करने के लिए भारतीय पक्ष की तत्परता का भी संकेत देती है।  यूएसटीआर ने बराबरी के शुल्क लगाए जाने पर पहले ही आम लोगों की राय मांगी है और इसकी अंतिम ति​थि 11 मार्च है। ट्रंप ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका बराबरी के शुल्कों के मामले में भारत को नहीं बख्शेगा। वे भारत को कई बार अधिक शुल्क वाला देश कह चुके हैं। उन्होंने भारत को ‘शुल्क का बड़ा दुरुपयोगकर्ता’ और ‘शुल्कों का राजा’ करार दिया था। इसके लिए उन्होंने मोटरसाइकिल से लेकर कृषि क्षेत्र तक के उदाहरण दिए थे।  

इन बैठकों में बीटीए की व्यापक रूपरेखा पर भी चर्चा हो सकती है। इस क्रम में भारत, अमेरिका के साथ शुल्क दरों की व्याख्या में विसंगतियों को भी उजागर कर सकता है। 

भारत सरकार के विभागों ने आगामी व्यापार समझौते की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए जमीनी रूपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है। वाणिज्य विभाग विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों से विचार विमर्श कर चुका है और और उनसे यह पता लगाने को कहा है कि दोनों पक्षों की ओर से क्या मांगें हो सकती हैं। इपमें यह भी शामिल है कि भारत किस सीमा तक टैरिफ रियायत दे सकता है और वह दूसरे पक्ष से क्या उचित मांग कर सकता है। 

दिल्ली के थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने बताया कि बराबरी के शुल्कों से निपटने के लिए भारत अमेरिका के ज्यादातर औद्योगिक उत्पादों पर शून्य शुल्क की पेशकश कर सकता है या अमेरिका के नए शुल्क को बिना किसी प्रतिरोध के स्वीकार कर सकता है। 

जीटीआरआई की रविवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, ‘अगर देश जवाबी शुल्क लगाते हैं तो ट्रंप शुल्क और बढ़ा सकते हैं। इससे एक ऐसा नकारात्मक चक्र बनेगा जो भारत जैसे देश के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे बचने के लिए भारत को व्यापार टकराव में फंसने की बजाए अमेरिका पर निर्भरता कम करनी चाहिए और उसे तेल खरीद, रक्षा सौदौं या अन्य क्षेत्रों में प्राथमिकता देनी बंद करनी चाहिए।’

रिपोर्ट के अनुसार, ‘वैश्विक व्यापार के अगले चरण के लिए घरेलू उद्योग को मजबूत किए जाने की तैयारी पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प यही हो सकता है कि वह कोई कार्रवाई न करे। भारत अमेरिका के ज्यादातर औद्योगिक उत्पादों पर शून्य शुल्क मुहैया करा सकता है। 

First Published : March 2, 2025 | 10:02 PM IST