केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कृषि वैज्ञानिकों से शोध को व्यावहारिक समाधानों पर केन्द्रित करने का आग्रह किया जिससे किसानों को फायदा हो, आजीविका सुनिश्चित हो और पौष्टिक भोजन और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिले।
छठे इंटरनेशनल एग्रोनॉमी कांग्रेस (आईएसी-2025) के अपने उद्घाटन भाषण में चौहान ने खराब बीज की गुणवत्ता, मिलावटी सामग्री, जलवायु अनुकूल समावेशन, दलहन और तिलहन उत्पादन में वृद्धि, दालों पर वायरस के हमले, मिट्टी में जैविक कार्बन की कमी और सीधे बोए गए चावल की समस्याओं जैसी चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने मशीनीकरण, किसानों के लिए कार्बन क्रेडिट, पानी की बचत करने वाली खेती, ड्रोन प्रौद्योगिकी, स्मार्ट कृषि, एआई और मशीन लर्निंग जैसी तरक्की का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया। किसानों को इन प्रौद्योगिकियों का लाभ मिले।