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Ethiopia Volcano Eruption: इथियोपिया में ज्वालामुखी विस्फोट के बाद उठे राख के गुबार (Ash Plumes) ने भारतीय हवाई उड़ानों को प्रभावित किया है। एयर इंडिया, अकासा एयर और इंडिगो सहित कई एयरलाइंस ने मंगलवार को कई उड़ानें रद्द करने की घोषणा की।
एयर इंडिया ने ‘एक्स’ पर बताया कि सोमवार से अब तक कुल 11 उड़ानें रद्द की गई हैं, जब ज्वालामुखी की राख भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करती हुई देखी गई। एयरलाइन ने कहा, “Hayli Gubbi ज्वालामुखी विस्फोट के बाद कुछ भौगोलिक क्षेत्रों के ऊपर उड़ान भरने वाले विमानों की एहतियाती जांच की जा रही है। हमारी ग्राउंड टीमें यात्रियों को लगातार अपडेट दे रही हैं और आवश्यक सहायता जैसे होटल व्यवस्था उपलब्ध करा रही हैं।”
एयर इंडिया ने कहा कि प्रभावित विमानों की एहतियाती जांच जारी है। मंगलवार को कई घरेलू उड़ानें रद्द की गईं।
अकासा एयर ने बताया कि उसने वेस्ट एशिया के कई रूटों जैसे जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी—की निर्धारित उड़ानें (24–25 नवंबर) रद्द कर दी हैं। इंडिगो ने भी सोमवार को अपनी छह उड़ानें रद्द कीं और कई को डायवर्ट किया गया। ANI के अनुसार, KLM ने भी अपनी कुछ उड़ानें रद्द की हैं, और सभी एयरलाइंस को नए मार्ग निर्धारण के निर्देश दिए गए हैं।
इथियोपिया के Hayli Gubbi ज्वालामुखी ने लगभग 12,000 वर्षों बाद विस्फोट किया है। रविवार सुबह 8:30 बजे शुरू हुए इस विस्फोट ने वातावरण में भारी राख, सल्फर डाइऑक्साइड और कांच-चट्टान के सूक्ष्म कण छोड़ दिए। राख का गुबार सोमवार रात 10 बजे भारत पहुंचा। यह गुबार 100–120 किमी/घंटा की रफ्तार से 15,000–45,000 फीट ऊंचाई पर भारत की ओर बढ़ा। खाड़ी देशों में भी इस राख के निशान देखे गए जिसके बाद एयरलाइंस ने वेस्ट एशिया रूट्स पर सावधानी की सलाह दी।
रिपोर्टों के अनुसार राख का गुबार पहले गुजरात पर असर दिखेगा। उसके बाद राजस्थान, उत्तर-पश्चिम महाराष्ट्र, दिल्ली-NCR, हरियाणा, पंजाब, और अंत में हिमालयी क्षेत्र तक पहुंचेगा। IMD ने मंगलवार को बताया कि राख के बादल चीन की ओर बढ़ रहे हैं और भारतीय आसमान शाम 7:30 बजे तक साफ हो जाएंगे।
DGCA ने एयरलाइंस को निर्देश दिया कि ज्वामुखी राख वाले क्षेत्रों से बचें। उड़ान मार्ग और ईंधन योजना में बदलाव करें। अगर किसी विमान में राख के संपर्क के संकेत (जैसे इंजन व्यवहार में बदलाव, केबिन में धुआं/गंध) दिखें, तो तुरंत रिपोर्ट करें। अगर किसी एयरपोर्ट पर राख का असर पड़े, तो रनवे और टैक्सीवे की तत्काल जांच करें और जरूरत पड़ने पर उड़ानें रोक दी जाएं।