उद्योग

AMTZ बना रहा है देश का पहला ‘मेड इन इंडिया’ अस्पताल, देसी उपकरणों वाला हॉस्पिटल 2026 में होगा तैयार

इसने देश भर के उद्यमियों के साथ मिलकर 100 मेड इन इंडिया अस्पताल तैयार करने की योजना बनाई है और ये अस्पताल मुख्य तौर पर छोटे एवं मझोले शहरों में होंगे

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शाइन जेकब   
Last Updated- November 25, 2025 | 10:40 PM IST

विशाखापत्तनम के बीचोबीच से प्रगति मैदान बमुश्किल 30 किलोमीटर दूर है, लेकिन भीड़ भरी सड़कों से वहां तक पहुंचने में करीब एक घंटा लग जाता है। यह बात अलग है कि शहरों की अफरा-तफरी से जूझकर वहां पहुंचते ही पहाड़ों की हरियाली के बीच बसा शांत गांव नजरों के सामने साकार हो जाता है। विजाग स्टील प्लांट के नजदीक इसी इलाके में आंध्र प्रदेश मेडटेक जोन (एएमटीजेड) है, जो दुनिया भर में चिकित्सा प्रौद्योगिकी विनिर्माण का सबसे बड़ा और सबसे एकीकृत इलाका है।

किसी बाहरी व्यक्ति को यह इलाका औद्योगिक केंद्र के बजाय विज्ञान कथा पर बनी किसी फिल्म का हिस्सा ज्यादा मालूम देता है। पीले, नीले, भूरे आदि अनूठे रंगों में रंगी वहां की इमारतें त्रिकोणाकार, आयताकार, वर्गाकार और यहां तक कि ग्लोब के आकार में भी हैं जो इस औद्योगिक केंद्र का एक अलग एहसास कराती हैं। यहीं एएमटीजेड ‘मेड इन इंडिया’ अस्पताल के साथ देश के चिकित्सा प्रौद्योगिकी उद्योग के लिए भी एक नई कहानी गढ़ रहा है। वह अपने खास अनुसंधान एवं विकास कार्यों के जरिये विनिर्माण एवं निर्यात में मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है। यह मेड-टेक सार्वजनिक उपक्रम अपनी बुनियादी ताकत के अलावा देश भर के अस्पतालों के लिए नया मॉडल भी तैयार कर रहा है।

अगर एएमटीजेड की योजनाएं हकीकत बनती हैं तो 2026 की पहली छमाही तक भारत में बने चिकित्सा उपकरणों वाला देश का पहला अस्पताल तैयार हो जाएगा। इसने देश भर के उद्यमियों के साथ मिलकर 100 मेड इन इंडिया अस्पताल तैयार करने की योजना बनाई है और ये अस्पताल मुख्य तौर पर छोटे एवं मझोले शहरों में होंगे। एएमटीजेड न केवल विभिन्न सप्लाई मॉडल्स के तहत इन अस्पतालों को चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति करेगा बल्कि इन परियोजनाओं के वित्त एवं निर्माण संबंधी पहलुओं में भी मदद करेगा।

एएमटीजेड के प्रबंध निदेशक एवं संस्थापक मुख्य कार्याधिकारी और कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ टेक्नॉलजी (केआईएचटी) के कार्यकारी निदेशक जितेंद्र शर्मा ने कहा, ‘मेड इन इंडिया अस्पताल का विचार इस बात पर आधारित है कि पूरा अस्पताल भारत में बने चिकित्सा उपकरणों की मदद से ही चलाया जा सकता है। इससे देश के छोटे एवं मझोले शहरों के अस्पतालों में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा प्रौद्योगिकी एवं कामकाज संबंधी दक्षता और वित्तीय व्यवहार्यता भी हासिल होगी।’ इसके लिए एएमटीजेड उन उद्यमियों और छोटे एवं मझोले अस्पतालों के साथ हाथ मिलाएगा जो विस्तार करना चाहते हैं अथवा स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में उद्यम करना चाहते हैं।

एक अधिकारी के अनुसार फिलहाल एएमटीजेड दो समूहों के साथ काम कर रहा है। इनमें से एक हैदराबाद में और दूसरा विशाखापत्तनम में है। मगर लंबी अवधि में देश भर में 100 एमआईआई अस्पताल खोलने का इरादा है ताकि स्वदेशी चिकित्सा प्रौद्योगिकी को व्यापक तौर पर अपनाया जा सके। अधिकारी ने कहा, ‘विस्तार का दायरा बड़े, मझोले और छोटे शहरों तक होगा। इससे देश भर में अधिक से अधिक लोगों को उन्नत, सस्ती एवं उच्च-गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित हो सकेगी।’

अधिकारियों ने कोई नाम नहीं बताया मगर खबरों में संकेत दिया गया है कि हैदराबाद के प्रणाम हॉस्पिटल्स ने इसी तरह के एक सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। यह एक क्रांतिकारी मॉडल है जो पक्का करेगा कि अस्पताल आवश्यक पूंजी निवेश के बिना बेहतरीन चिकित्सा उपकरण एवं प्रौद्योगिकी हासिल कर सकते हैं। इसने इस साल की शुरुआत में नागपुर में स्वर्गीय भानुताई गडकरी मेमोरियल डायग्नॉस्टिक्स सेंटर के लिए देसी चिकित्सा उपकरण भी उपलब्ध कराए थे। अधिकारियों का कहना है कि इससे अस्पताल की लागत कम होगी और उत्पादों का रखरखाव भी आसान होगा।

मेडिकल टेक्नॉलजी पार्क 270 एकड़ भूमि में फैला है और वह नवाचार एवं निर्यात का भी केंद्र है। यहां 140 से अधिक कंपनियों का साझा विनिर्माण कारखाना एवं साझा वैज्ञानिक केंद्र  अनुसंधान एवं विकास और जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन पर काम कर रहे हैं। इसमें विशेष प्रयोगशाला, भंडारण एवं परीक्षण केंद्र शामिल हैं जैसे सेंटर फॉर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कम्पैटिबिलिटी ऐंड सेफ्टी टेस्टिंग, सेंटर फॉर बायोमटेरियल टेस्टिंग, सेंटर फॉर 3-डी प्रिंटिंग, सेंटर फॉर लेजर्स, एमआरआई सुपरकंडक्टिंग मैग्नेट्स, गामा इरेडिएशन सेंटर, मोल्ड ऐंड मशीनिंग सेंटर आदि।

कोविड-19 महामारी के दौरान एएमटीजेड ने हर दिन 100 से अधिक वेंटिलेटर, 500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और 10 लाख आरटीपीसीआर किट का उत्पादन करते हुए अपना योगदान दिया था।  

First Published : November 25, 2025 | 10:38 PM IST