Ethiopia Volcanic Eruption Ash Cloud: इथियोपिया के हैली गुब्बी नाम के ज्वालामुखी, जो लगभग 12,000 साल से नहीं फटा था, अचानक जोर से फट गया। इसके बाद बहुत बड़ी मात्रा में राख का बादल बना। यह राख का बादल सोमवार रात लगभग 10 बजे भारत में आ गया। यह जानकारी एएनआई ने IndiaMetSky Weather के हवाले से दी। ज्वालामुखी फटने से हवा में राख, सल्फर की गैस और छोटे-छोटे कांच और पत्थर जैसे कण फैल गए। हवा के तेज बहाव से यह राख पश्चिमी भारत की ओर बढ़ती गई। इस राख की वजह से आसमान थोड़ा अंधेरा दिख सकता है और दूर तक साफ नहीं दिखेगा। इसकी वजह से हवाई जहाजों की उड़ानें भी प्रभावित हो सकती हैं।
रविवार सुबह करीब 8:30 बजे इथियोपिया की एर्टा एले पर्वतमाला में स्थित हैली गुब्बी ज्वालामुखी में अचानक विस्फोट शुरू हुआ। थोड़ी देर बाद विस्फोट रुक गया, लेकिन ज्वालामुखी से निकली राख का बहुत बड़ा बादल हवा में फैल गया। यह बादल 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से उड़ते हुए उत्तर भारत की तरफ बढ़ता रहा। यह राख 15,000 से 45,000 फीट की बहुत ज्यादा ऊंचाई पर फैल गई और रास्ते में अरब देशों के कुछ हिस्सों में भी इसकी हल्की राख देखी गई। भारत में यह बादल सबसे पहले गुजरात में दाखिल हुआ, फिर राजस्थान, उत्तर-पश्चिम महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और आखिर में हिमालय वाले इलाकों तक बढ़ गया।
ज्वालामुखी की Ash Cloud हवाई जहाजों के लिए बहुत खतरनाक होती है, क्योंकि यह इंजन को खराब कर सकती है। इसी वजह से भारत की कई एयरलाइंस ने अपनी उड़ानों में बदलाव किए हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इंडिगो ने अपनी छह फ्लाइटें रद्द कर दीं, और आकासा एयर ने 24 और 25 नवंबर को जेद्दा, कुवैत और अबू धाबी की उड़ानें रोक दीं। राख का बादल भारत की ओर बढ़ रहा है, इसलिए एयरलाइंस ने यात्रियों को सावधान रहने की सलाह भी दी है। इंडिगो ने X (ट्विटर) पर लिखा कि वे हालात पर लगातार नजर रख रहे हैं और यात्रियों की सुरक्षा को सबसे ऊपर रख रहे हैं। एयर इंडिया, स्पाइसजेट और आकासा एयर ने भी कहा है कि जैसे ही स्थिति में कोई बदलाव होगा, वे यात्रियों को तुरंत जानकारी देंगे।