ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट इंस्टीट्यूट का मानना है कि भारत का मूल्यांकन उसके प्रतिस्पर्धियों बाजारों के मुकाबले बहुत ज्यादा महंगा नहीं है। लेकिन अगले पांच वर्षों के दौरान रिटर्न निचले दो अंक में सीमित रह सकता है। अपनी 2025 ग्लोबल आउटलुक रिपोर्ट में शोध फर्म ने कहा है कि भारत का ऊंचा पीई अनुपात खासकर उसके मजबूत विकास परिदृश्य की वजह से है। रिपोर्ट में लंबी अवधि के दौरान कॉरपोरेट आय मजबूत बने रहने का अनुमान जताया गया है क्योंकि इसे अच्छी वृद्धि और ब्याज दरों में नरमी का लाभ मिल सकता है। ब्याज दरें मौजूदा 6.5 फीसदी से घटकर 5 फीसदी पर आ सकती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारे पसंदीदा मूल्यांकन संकेतक – इक्विटी जोखिम प्रीमियम में आय वृद्धि की अपेक्षाओं और ब्याज दर अनुमानों को शामिल किया गया है। इन दोनों को ध्यान में रखते हुए भारत के ईआरपी का हमारा अनुमान (लगभग 4.9) मोटे तौर पर ऐतिहासिक औसत के अनुरूप है जो यह दर्शाता है कि मूल्यांकन उतना नहीं है जितना कि पारंपरिक पैमाने पर दिखाई देता है।’