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एनर्जी सिक्योरिटी के लिए वैकल्पिक साधन अपनाने, उत्पादन बढ़ाने पर जोरः पुरी

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भाषा
Last Updated- January 22, 2023 | 6:41 PM IST

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कहा कि दुनिया का तीसरा बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश भारत अपनी एनर्जी सिक्योरिटी एवं बदलाव के लिए घरेलू स्तर पर तेल एवं गैस उत्पादन बढ़ाने के साथ वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों को तेजी से अपना रहा है।

वाराणसी के प्रसिद्ध गंगा घाट पर चलने वाली नावों को सीएनजी-चालित बनाए जाने से संबंधित एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे पुरी ने कहा कि अगले दो दशकों में आने वाली वैश्विक ऊर्जा मांग में चौथाई हिस्सा अकेले भारत का रहने की संभावना है।

फिलहाल भारत अपनी 85 प्रतिशत तेल जरूरत और 50 प्रतिशत गैस जरूरत को आयात से ही पूरा करता है। ऐसी स्थिति में भारत को तेल-गैस आयात पर विदेशी मुद्रा का बड़ा हिस्सा खर्च करना पड़ता है।

इस निर्भरता को कम करने के लिए भारत ने गन्ने के रस से बनने वाले एथेनॉल को एक सीमा तक पेट्रोल में मिलाने की मंजूरी दे दी है। पुरी ने कहा कि वर्ष 2025 तक भारत पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण की मंजूरी दे देगा।

उन्होंने कहा, ‘हमारी ऊर्जा सुरक्षा रणनीति चार स्तंभों पर आधारित है। ऊर्जा आपूर्ति में विविधता, उत्खनन एवं उत्पादन फुटप्रिंट को बढ़ाना, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल और गैस-आधारित अर्थव्यवस्था, हरित हाइड्रोजन एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के जरिये ऊर्जा बदलाव लाना इस रणनीति के केंद्र में हैं।’

पुरी ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद दुनिया भर में ऊर्जा कीमतें बढ़ गईं। इसके बावजूद देश में सर्वाधिक इस्तेमाल होने वाले ईंधन डीजल की कीमत दिसंबर 2021 से दिसंबर 2022 के दौरान सिर्फ तीन प्रतिशत बढ़ीं। इस दौरान अमेरिका में डीजल 34 प्रतिशत महंगा हो गया जबकि कनाडा में इसके दाम 36 प्रतिशत बढ़े।

पुरी ने कहा कि सरकार घरेलू उत्खनन क्षेत्र को बढ़ाकर 2025 तक पांच लाख वर्ग किलोमीटर और वर्ष 2030 तक 10 लाख वर्ग किलोमीटर तक पहुंचाना चाहती है। इससे घरेलू कच्चा तेल एवं गैस उत्पादन बढ़ने के साथ आयात पर निर्भरता भी कम होगी।

First Published : January 22, 2023 | 6:41 PM IST