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Economic Survey 2024: भारत का ओवरटाइम वेतन प्रीमियम प्रतिस्पर्धियों से ज्यादा

ओवरटाइम प्रीमियम दर सामान्य से अधिक घंटे काम करने के लिए नियमित वेतन से अधिक भुगतान की जाने वाली पगार की दर है।

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अनुष्का साहनी   
Last Updated- July 22, 2024 | 9:27 PM IST

Economic Survey 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा 2023-24 में बताया गया कि अधिकांश देशों की तुलना में भारत में ओवरटाइम वेतन प्रीमियम अधिक है। देश में ओवरटाइम प्रीमियम दर 100 फीसदी है। ओवरटाइम प्रीमियम दर सामान्य से अधिक घंटे काम करने के लिए नियमित वेतन से अधिक भुगतान की जाने वाली पगार की दर है।

दूसरी ओर, चीन, वियतनाम और अमेरिका जैसे देशों में ओवरटाइम प्रीमियम दर महज 50 फीसदी है। हालांकि, समीक्षा में कहा गया है कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इससे विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि में बाधा उत्पन्न होने की आशंका है क्योंकि उत्पादन को कम ओवरटाइम लागत वाले देशों में ले जाना पसंद किया जाएगा।

अन्य अर्थव्यवस्थाओं में ऐसा कोई कानून नहीं है जो कर्मचारियों और नियोक्ताओं को इस बारे में मोलभाव करने की अनुमति देता हो। भारत में ओवरटाइम सहित प्रतिदिन 10.5 घंटे काम करने की सीमा है। यह बांग्लादेश में 11 घंटे और वियतनाम में करीब 12 घंटे है। इसके विपरीत, चीन में ऐसी कोई सीमा नहीं है।

कोई नियोक्ता कम ओवरटाइम प्रीमियम दर वाले देश से श्रमिकों की नियुक्ति कर सकता है। इसमें यह भी कहा गया है कि नई श्रम संहिताएं कई समस्याओं को दूर करती हैं, लेकिन कुछ राज्यों ने अभी तक इसे लागू नहीं किया है। श्रम कानूनों को विनिर्माण क्षेत्र में आर्थिक विकास और समृद्धि के लिए बेहतर परिणाम प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहनों का पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) द्वारा 2019 में कराए गए अध्ययन ‘ओवरटाइम कार्य: सामग्री और प्रारंभिक अनुभवजन्य विश्लेषण की समीक्षा’में डोमिनिक एंक्सो ओर मैट्टियास कार्लसोसोन ने निष्कर्ष निकाला कि ऊंची ओवरटाइम दर कर्मचारियों को ज्यादा घंटे काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है, लेकिन ऊंचे वेतन और सख्त नियमों को देखते हुए ओवरटाइम के लिए नियोक्ता की तरफ से मांग कम होने की आशंका रहती है।

First Published : July 22, 2024 | 9:27 PM IST