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UP: बढ़ती मांग से शहरों में बिजली कटौती शुरू, गांव में 16 घंटे बिजली देने का वादा भी छूटा पीछे

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- May 25, 2023 | 2:51 PM IST

गर्मी बढ़ने के साथ ही उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयी है। मांग और आपूर्ति में अंतर के चलते प्रदेश में ज्यादातर जगहों पर बिजली कटौती हो रही है। गांवों में रोस्टर के हिसाब से 16 घंटे बिजली देने का संकल्प पीछे छूट गया है तो शहरों में भी अघोषित कटौती का दौर शुरु हो गया है।

पहली बार प्रदेश में बिजली की मांग 26000 मेगावाट से ऊपर पहुंच गई है। मांग में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन 28000 मेगावाट बिजली के इंतजाम में जुट गया है। इसके लिए एक बार फिर से एनर्जी एक्सचेंज का सहारा लिया जाएगा। बुधवार को कारपोरेशन ने प्रदेश में 26136 मेगावाट बिजली की आपूर्ति का दावा किया। हालांकि मांग इसके पार निकल गयी है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बिजली संकट से निपटने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

पावर कारपोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि यह पहली बार हुआ है कि जब प्रदेश में बिजली की मांग मई के महीने में 26000 मेगावाट से पार गयी है। उनका कहना है कि बढ़ी मांग के बावजूद सभी क्षेत्रों में निर्बाध बिजली शेड्यूल के अनुसार दी जा रही है। ऊर्जा मंत्री का कहना है कि पिछली सरकार में जो अधिकतम मांग थी वह 16000 मेगावाट के आसपास थी जबकि अब यह न्यूनतम मांग है। प्रदेश में उपभोक्ताओं की तादाद बढ़कर 3.27 करोड़ हो गयी है। जो कि पहले के सालों के मुकाबले तीन गुना अधिक हैं।

अधिकारियों का कहना है कि मांग से ज्यादा समस्या ओवरलोड के चलते हो रही है जिसके चलते कटौती हो रही है। उनका कहना है कि ओवरलोड के चलते हर दिन 500 से ज्यादा ट्रांसफार्मर खराब हो रहे हैं। ट्रांसफार्मर में खराबी आने के बाद फीडर के बंद करना पड़ता है जिससे 1000 से 2000 उपभोक्ताओं को आधे से एक घंटे अंधेरे में रहना पड़ता है। हालांकि इस गड़बड़ी को दूर करने के लिए ऊर्जा मंत्री ने कारपोरेशन से पर्याप्त मात्रा में ट्राली ट्रांसफार्मर की व्यवस्था करने को कहा है। लोड की समस्या से निपटने के लिए बिजली विभाग की टीमें प्रदेश भर में सघन चेकिंग अभियान भी चला रही हैं।

First Published : May 25, 2023 | 2:28 PM IST