डॉ. मनमोहन सिंह ने आरबीआई के गवर्नर और देश के वित्त मंत्री के तौर पर भी जिम्मेदारी निभाई थी। उन्होंने 1991 का बजट पेश किया जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण को बढ़ावा मिला। वह बेहद मृदुभाषी और सौम्य स्वभाव के थे।- निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री एवं प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह जी के निधन से बेहद दुखी हूं। भारत के आर्थिक सुधारों में उनके योगदान ने देश के विकास की एक नई राह तैयार की। एक राजनीतिक दिग्गज के रूप में उनकी बुद्धिमत्ता, विनम्रता और जन सेवा के प्रति समर्पण ने उन्हें पूरे राजनीतिक जगत में सम्मान और प्रशंसा दिलाई।- पीयूष गोयल, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से मैं बेहद दुखी हूं। वह बेहद दूरदर्शी अर्थशास्त्री थे और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रह चुके थे। भारत में जो आर्थिक सुधार हुए हैं उनके जनक और वास्तुकार के रूप में डॉ सिंह के योगदान ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है।- संजय मल्होत्रा, गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक
भारत ने अपने सबसे बड़े नेताओं और बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक गंवा दिया। उनका सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान 1991 का ऐतिहासिक सुधार था, जिससे कई दशकों तक आर्थिक तेजी को बल मिला। इससे भी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इन सुधारों ने भारत और भारतीयों के लिए संभावनाओं के गणित को नया आकार दिया। सार्वजनिक जीवन में कई दशकों तक उनकी बुद्धि, ज्ञान और विनम्रता ने आदर्श स्थापित किया और देश पर अमिट छाप छोड़ी। सामान्य पृष्ठभूमि से प्रधानमंत्री पद तक उनकी असाधारण प्रगति भारत की असीम क्षमता का प्रतीक बना है और यह भारतीयों की कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।- कुमार मंगलम बिड़ला, चेयरमैन, आदित्य बिड़ला समूह
हम पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। वे नए, उदारीकृत भारत की कल्पना करने वाले दिग्गजों में से एक थे, जो दुनिया में अपना उचित स्थान बना रहा है। डॉ सिंह को हमेशा उनकी दूरदर्शी सोच और गहरे नजरिये के लिए याद किया जाएगा, जो हमेशा विनम्र रहे और उन्होंने अपने व्यक्तिगत मूल्यों को कायम रखा। उनके प्रेरक नेतृत्व ने उन्हें पूरी दुनिया में सम्मान दिलाया।- एन चंद्रशेखरन, चेयरमैन, टाटा समूह