केंद्र सरकार ने गुरुवार को लोक सभा में आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक-2024 पेश किया। इसके पास होने से राज्यों की राजधानी और बड़े शहरों के लिए शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा। साथ ही प्रदेशों की सरकारें भी राज्य आपदा मोचन (प्रतिक्रिया) बल गठित कर सकेंगी।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा सदन में रखा गया यह विधेयक आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में संशोधन करेगा। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकारों की कार्य क्षमता बढ़ाना तथा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाले सभी हितधारकों के बीच और अधिक स्पष्टता लाना भी है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार को अन्य तरीकों से विधायी शक्तियों को लागू करने के बजाय आपदा प्रबंधन पर उचित तरीके से परिभाषित प्रविष्टि जोड़ने के लिए संविधान की समवर्ती सूची में संशोधन करना चाहिए। यह तरीका विधेयक की संवैधानिकता पर प्रश्नचिह्न लगाता है। तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा कि यह विधेयक प्राधिकारों की संख्या बढ़ाने का काम करेगा और इससे विरोधाभास की स्थिति बढ़ जाएगी।
विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति और उच्च स्तरीय समिति जैसे कुछ संगठनों को कानूनी हैसियत प्रदान करना है। नित्यानंद राय ने कहा कि आपदा प्रबंधन समुचित तरीके से हो, इसलिए अधिक निकाय बनाने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि अनेक आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों के परामर्श और सुझावों पर विचार करते हुए और उनकी चिंताओं को दूर करते हुए यह विधेयक लाया गया है। राय ने कहा कि राज्यों के अधिकारों में कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है तथा आपदा प्रबंधन की पहली जिम्मेदारी राज्यों की है।
सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को पेश करने की मंजूरी दे दी। विधेयक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकारों को राष्ट्रीय कार्यकारी समिति तथा राज्य कार्यकारी समिति के बजाय राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा प्रबंधन योजना तैयार करने का अधिकार सुनिश्चित किया गया है।
इसमें राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर आपदा डेटाबेस बनाना भी प्रस्तावित है, ताकि राज्यों की राजधानी और नगर निगम वाले बड़े शहरों के लिए ‘शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकार’ तथा राज्य सरकार द्वारा ‘राज्य आपदा मोचन बल’ बनाने का प्रावधान किया जा सके। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोक सभा में वायनाड की त्रासदी पर चर्चा के दौरान कहा था कि आपदा प्रबंधन पर इसी सत्र में एक विधेयक लाया जाएगा।