देश का सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (total direct tax collection) चालू वित्त वर्ष (2022-23) में 10 जनवरी तक 24.58 प्रतिशत बढ़कर 14.71 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस बढ़ोतरी में व्यक्तिगत आयकर (personal income tax) का मुख्य योगदान रहा।
सरकारी आंकड़ों में बुधवार को यह जानकारी दी गई। रिफंड समायोजित (refund adjustment) करने के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 12.31 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 19.55 प्रतिशत अधिक है। यह संग्रह चालू वित्त वर्ष के लिए कुल बजट अनुमान का 86.68 प्रतिशत है।
बजट में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। सकल आधार पर कॉरपोरेट आयकर (सीआईटी) संग्रह 19.72 प्रतिशत बढ़ा, जबकि व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) में 30.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बयान में कहा, ‘‘10 जनवरी, 2023 तक प्रत्यक्ष कर संग्रह के शुरुआती आंकड़े लगातार वृद्धि दर्शाते हैं। इस अवधि में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.71 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 24.58 प्रतिशत अधिक है।’’
रिफंड समायोजित करने के बाद सीआईटी संग्रह में 18.33 प्रतिशत की शुद्ध वृद्धि हुई, जबकि पीआईटी 20.97 प्रतिशत बढ़ा। बयान के मुताबिक, एक अप्रैल, 2022 से 10 जनवरी, 2023 के बीच 2.40 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए हैं, जो सालाना आधार पर 58.74 प्रतिशत अधिक हैं।