facebookmetapixel
दक्षिण भारत के लोग ज्यादा ऋण के बोझ तले दबे; आंध्र, तेलंगाना लोन देनदारी में सबसे ऊपर, दिल्ली नीचेएनबीएफसी, फिनटेक के सूक्ष्म ऋण पर नियामक की नजर, कर्ज का बोझ काबू मेंHUL Q2FY26 Result: मुनाफा 3.6% बढ़कर ₹2,685 करोड़ पर पहुंचा, बिक्री में जीएसटी बदलाव का अल्पकालिक असरअमेरिका ने रूस की तेल कंपनियों पर लगाए नए प्रतिबंध, निजी रिफाइनरी होंगी प्रभावित!सोशल मीडिया कंपनियों के लिए बढ़ेगी अनुपालन लागत! AI जनरेटेड कंटेंट के लिए लेबलिंग और डिस्क्लेमर जरूरीभारत में स्वास्थ्य संबंधी पर्यटन तेजी से बढ़ा, होटलों के वेलनेस रूम किराये में 15 फीसदी तक बढ़ोतरीBigBasket ने दीवाली में इलेक्ट्रॉनिक्स और उपहारों की बिक्री में 500% उछाल दर्ज कर बनाया नया रिकॉर्डTVS ने नॉर्टन सुपरबाइक के डिजाइन की पहली झलक दिखाई, जारी किया स्केचसमृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला मिथिलांचल बदहाल: उद्योग धंधे धीरे-धीरे हो गए बंद, कोई नया निवेश आया नहींकेंद्रीय औषधि नियामक ने शुरू की डिजिटल निगरानी प्रणाली, कफ सिरप में DEGs की आपूर्ति पर कड़ी नजर

साल 2027 तक डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों पर लग सकता है बैन!

Last Updated- May 08, 2023 | 6:44 PM IST
SIAM: Retail sale in August

भारत में आने वाले समय में डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों पर पूरी तरह से बैन लग सकता है। क्रूड ऑयल (Crude Oil) की बढ़ती कीमतों और प्रदूषण (Pollution) के असर को कम करने के लिए देश हर मुमकिन कोशिश में जुटा है और इसी बीच एक सिफारिश भी की गई है जिसके अंतर्गत डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों को बैन करने की बात कही गई है।

एक तेल मंत्रालय पैनल ने सिफारिश की है कि भारत को 2027 तक डीजल से चलने वाले चार-पहिया वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए और प्रदूषण में कटौती के लिए दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों और प्रदूषित शहरों में इलेक्ट्रिक और गैस-ईंधन वाले वाहनों को तरजीह दी जानी चाहिए।

भारत जो ग्रीन हाउस गैसों के सबसे बड़े उत्सर्जकों में से एक है। देश अपने 2070 के नेट जीरो गोल को प्राप्त करने के लिए नवीकरणीय (renewables) ऊर्जा से अपनी 40 फीसदी बिजली का उत्पादन करना चाहता है।

पैनल ने तेल मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट की गई एक रिपोर्ट में कहा, ‘2030 तक, ऐसी सिटी बसें नहीं जोड़ी जानी चाहिए जो इलेक्ट्रिक नहीं हैं…सिटी ट्रांसपोर्ट के लिए डीजल बसें 2024 से नहीं जोड़ी जानी चाहिए।’

यह स्पष्ट नहीं है कि पेट्रोलियम मंत्रालय पूर्व तेल सचिव तरुण कपूर की अध्यक्षता वाली ऊर्जा ट्रांजीशन सलाहकार समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी लेगा या नहीं।

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को 31 मार्च से आगे के लिए फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स स्कीम (FAME) के तहत दिए गए प्रोत्साहनों के ‘लक्षित विस्तार’ पर विचार करना चाहिए। भारत में रिफाइंड ईंधन की खपत का लगभग दो-पांचवां हिस्सा डीजल का है, जिसका 80 फीसदी परिवहन क्षेत्र में उपयोग किया जाता है।

Also Read: अब ATM से निकलेगा Diesel, बड़े कारोबारियों को पसंद आ रही DATUM मशीन

पैनलों ने कहा कि 2024 से केवल बिजली से चलने वाले शहर के डिलीवरी वाहनों के नए पंजीकरण की अनुमति दी जानी चाहिए और कार्गो की आवाजाही के लिए रेलवे और गैस से चलने वाले ट्रकों का अधिक उपयोग करने का सुझाव दिया। रेलवे नेटवर्क के दो से तीन साल में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होने की उम्मीद है। भारत का लक्ष्य 2030 तक अपने ऊर्जा मिश्रण में गैस की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 15 फीसदी करना है, जो अभी 6.2 फीसदी है।

पैनल ने कहा कि भारत को दो महीने की मांग के बराबर अंडरग्राउंड गैस स्टोरेज के निर्माण पर विचार करना चाहिए, क्योंकि 2020 और 2050 के बीच 9.78 फीसदी की औसत कंपाउंड वृद्धि दर से मांग बढ़ने की उम्मीद है। विदेशी गैस उत्पादक कंपनियों की भागीदारी के साथ उन्होंने गैस स्टोरेज बनाने के लिए घटते तेल और गैस क्षेत्रों, नमक की गुफाओं और जलभृतों के उपयोग का सुझाव दिया।

First Published - May 8, 2023 | 6:44 PM IST

संबंधित पोस्ट